टोक्यो, 15 फरवरी . अमेरिकी अंतरिक्ष बल जापान में अपनी यूनिट को मजबूत करने पर काम कर रहा है, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र से आने वाले खतरों का मुकाबला किया जा सके.
बढ़ती भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच, हिंद-प्रशांत क्षेत्र विभिन्न प्रतिस्पर्धी शक्तियों के लिए अहम क्षेत्र बना हुआ है.
दरअसल चीन और रूस अंतरिक्ष क्षमताएं विकसित कर रहे हैं और उत्तर कोरिया बैलिस्टिक मिसाइलों पर काम कर रहा है ऐसे में हिंद-प्रशांत क्षेत्र अमेरिका को गलती नहीं करना चाहता है.
अमेरिकी अंतरिक्ष बल के अंतरिक्ष संचालन कमान के वरिष्ठ नेताओं ने इस सप्ताह जापान का दौरा किया था.
इस दौरे का मकसद अमेरिकी अंतरिक्ष बल के कर्मियों से संपर्क करना और बल के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक, जापानी आत्मरक्षा बल (JSDF) के साथ गठबंधन को मजबूत करना था.
अमेरिकी अंतरिक्ष संचालन कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डेविड मिलर ने कहा, “हालांकि आज कर्मियों की संख्या सीमित है, लेकिन हम अगले एक या दो साल में इसे पूरी तरह से सक्षम प्रणाली में विकसित करने जा रहे हैं, जिसकी हमें जापान में इंडो-पैसिफिक के एक बड़े नेटवर्क के हिस्से के रूप में जरुरत है.”
मिलर ने दोहराया कि अमेरिका और जापान दशकों से सहयोगी रहे हैं और इस मजबूत साझेदारी को और मजबूत बनाने जा रहे हैं.
जापान में रहते हुए, मिलर और अन्य शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने जेएसडीएफ के अंतरिक्ष संचालन समूह के सदस्यों और यूएस स्पेस फोर्सेज जापान के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की.
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