Friday , 31 March 2023

जयपुर-उदयपुर और MP में आयकर विभाग की छापेमारी; उदयपुर-एमपी में गीतांजली ग्रुप और जयपुर में अग्रवाल समूहों के 12 ठिकानों पर छापे

फाइल फोटो. - Dainik Bhaskar

जयपुर Jaipur . आयकर विभाग जयपुर Jaipur (Income Tax Department Jaipur) की टीम ने गुरुवार सुबह-सुबह उदयपुर के गीतांजलि ग्रुप और जयपुर Jaipur नारायणा ग्रुपों पर छापेमारी की. आयकर विभाग (Income Tax Department) की टी गीतांजलि ग्रुप के 23 ठिकानों पर छापेमारी की. इसके साथ ही जयपुर Jaipur के ज्ञानचंद अग्रवाल की चार रजिस्टर्ड फर्म के 12 ठिकानों पर रेड हो रही हैं.

उदयपुर और मध्‍यप्रदेश में गीतांजलि समूह का माइनिंग का कारोबार है जबकि उदयपुर में एक बड़ा हॉस्पिटल ग्रुप भी है. ज्ञानचंद अग्रवाल प्रॉपर्टी के कारोबार से जुडे हैं, अभी जयपुर Jaipur में नारायण विहार समेत कई कॉलोनियों से ये ग्रुप जुड़ा हुआ है. ज्ञानचंद अग्रवाल की शिवम कॉलोनाइजर और श्रीसालासर ओवरसीज प्रा.लि सहित दो अन्य कम्पनियां बताई जा रही है.

जानकार सूत्रों की माने की आयकर विभाग (Income Tax Department) के पास पिछले कई समय से इन दोनों समूहों की सूचना थी लेकिन टीम के पास इसकी जानकारी नहीं थी. आयकर विभाग (Income Tax Department) के अधिकारियों की टीमों को जब पुख्ता जानकारी मिली तो टीम ने आज सुबह से ही रेड करना शुरू किया. जयपुर Jaipur में ज्ञानचंद अग्रवाल के त्रिवेणी स्थित नारायण निवास,गंगा जमुना पेट्रोल पम्प के पास टावर में ऑफिर सहित नारायण विहार में ज्ञानचंद अग्रवाल के कार्यालय में सर्च किया जा रहा हैं.

ज्ञानचंद अग्रवाल का जयपुर Jaipur में बड़ा प्रॉपर्टी का कारोबार हैं. अग्रवाल ने जयपुर Jaipur में कई बड़ी कॉलोनी काटी हैं. नारायण विहार काटने के बाद अग्रवाल चर्चा में आया. क्योंकि स जमीन पर पट्‌टे काटने को लेकर कई मुकदमे मानसरोवर थाने में दर्ज हुए थे. इसके चलते कई बार अग्रवाल को जेल भी जाना पड़ा. इसे देखते हुए अग्रवाल ने चार और फर्म बनाई और इनके माध्यम से वह अब प्राॅपर्टी का काम कर रहे हैं.

आयकर विभाग की विजिलेंस ब्रांच को शिकायत मिली थी की उदयपुर बेस गीताजंलि समूह और जयपुर Jaipur के कालोनाइजर ज्ञानचंद अग्रवाल ने बड़ी राशि नकद में ली हैं. गीताजंलि समूह का उदयपुर में मेडिकल कालेज, प्राइवेट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल और एमपी में खनन का कारोबार है. अब तक की जांच में पता चला है कि अग्रवाल ने जमीन की खरीद में ही ना सिर्फ काले धन का इस्तेमाल किया बल्कि मकान और व्यावसायिक प्लाट बेचने पर मिलने वाली राशि में से बड़ी राशि नकद में ली. इसी तरह गीताजंलि समूह ने भी फीस और अन्य शुल्क नकदी में लिया जिनका खातों में कहीं जिक्र नहीं है. खनन को लेकर भी बड़ी गड़बड़ी करने की जानकारी मिली है. दोनों के ठिकानों से बड़ी मात्रा में नकदी, लेन देन की कच्ची पर्चियां और डॉक्युमेंट मिले हैं,जिनका सत्यापन किया जा रहा है. विभाग का मानना है कि दोनों समूह से कई करोड़ रुपए की काली कमाई उजागर हो सकती है.

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