मुंबई, 30 मार्च . इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से लगाई गई 944.20 करोड़ रुपये की पेनल्टी को देश की बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने गलत बताया है और कहा कि इस आदेश को वह कानूनी रूप से चुनौती देगी.
एयरलाइन की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पर शनिवार को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से पेनल्टी का नोटिस मिला था.
रेगुलेटरी फाइलिंग में रविवार को कंपनी ने कहा कि यह पेनल्टी असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए थी.
कंपनी का मानना है कि यह आदेश कानून के अनुरूप नहीं है. साथ ही इंडिगो ने इस आदेश को गलत बताया.
इंडिगो ने आश्वासन दिया है कि वह पेनल्टी के खिलाफ कानूनी उपाय अपनाएगी. बड़ी पेनल्टी के बावजूद, इंडिगो ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उसके वित्तीय, परिचालन या समग्र व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
यह पेनल्टी ऐसे समय में लगाई गई है जब इंडिगो पहले से ही वित्तीय चुनौतियों से जूझ रही है. वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में इंडिगो के शुद्ध लाभ में 18.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इस दौरान एयरलाइन की आय एक साल पहले के 2,998.1 करोड़ रुपये से घटकर 2,448.8 करोड़ रुपये रह गई थी.
इसके अलावा, अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की ऑपरेशनल लागत 20 प्रतिशत बढ़कर 20,466 करोड़ रुपये हो गई है, जिसका असर कंपनी के मुनाफे पर देखने को मिला है.
डीजीसीए की मासिक यात्री यातायात रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो 63.7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन बनी हुई है. फरवरी 2025 में इस बजट एयरलाइन में 89.40 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी.
इंडिगो के बाद एयर इंडिया समूह का स्थान रहा, जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस भी शामिल है. फरवरी में टाटा ग्रुप की एयरलाइन में 38.30 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी, जिससे एयरलाइन का मार्केट शेयर 27.3 प्रतिशत हो गया है.
अकासा एयर में 6.59 लाख यात्रियों ने उड़ान भरी और एयरलाइन का मार्केट शेयर 4.7 प्रतिशत रहा. स्पाइसजेट में 4.54 लाख यात्रियों ने हवाई यात्रा की और एयरलाइन का मार्केट शेयर 3.2 प्रतिशत रहा.
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एबीएस/