नई दिल्ली, 20 जून . भारतीय बॉन्ड्स को 28 जून से ग्लोबल इंडेक्स में शामिल किया जाएगा. इस दिन के आसपास भारतीय बॉन्ड्स में करीब 16,500 करोड़ रुपये (2 अरब डॉलर) का विदेशी निवेश आ सकता है, जो कि बीते दशक में किसी एक दिन में आने वाला सबसे अधिक फंड इनफ्लो होगा.
इससे पहले भारत की क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड होने के चलते 20 अगस्त, 2014 को भारतीय बॉन्ड्स में 2.7 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था. बता दें, भारतीय बॉन्ड्स को इस महीने के आखिर में जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल किया जाना है.
इस इंडेक्स में करीब 200 अरब डॉलर के एसेट्स को ट्रैक किया जाता है. मार्च 2025 तक भारत का वेटेज इसमें 10 प्रतिशत होना है. ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि अगले 10 महीने में भारत में 20 अरब डॉलर का फंड इनफ्लो आ सकता है.
ग्लोबल इंडेक्स शामिल किए जाने से पहले भारतीय बॉन्ड्स में जमकर खरीदारी हो रही है. पिछले वर्ष सितंबर से अब तक भारतीय बॉन्ड्स में 10 अरब डॉलर (करीब 83,360 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश आ चुका है.
क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, वैश्विक फंड्स 18 जून तक करीब 7,350 करोड़ रुपये का निवेश भारतीय बॉन्ड्स में कर चुके हैं. मई में यह करीब 5,200 करोड़ रुपये पर था.
हालांकि, अप्रैल में उनकी ओर से करीब 9,830 करोड़ रुपये की बिकवाली बॉन्ड मार्केट में की गई थी. भारतीय बॉन्ड में आ रहा निवेश बॉन्ड यील्ड कम रखने में भी मदद कर रहा है.
जेपी मॉर्गन के अलावा ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज द्वारा भी कुछ भारतीय बॉन्ड्स को अगले साल की शुरुआत में उभरते हुए बाजारों की लोकल करेंसी इंडेक्स में शामिल किया जाएगा.
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एबीएस/