रियासी में महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल, ‘दीदी की रसोई’ का उद्घाटन

रियासी, 24 जुलाई . जम्‍मू-कश्‍मीर के रियासी में दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए एसएचजी कैंटीन ‘दीदी की रसोई’ का उद्घाटन किया गया. यह महिला सशक्तीकरण और सामुदायिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. रियासी की उपायुक्त निधि मलिक ने Thursday को राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में ’दीदी की रसोई’ कैंटीन का उद्घाटन किया.

यह कैंटीन राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा संचालित है. इसका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों, आगंतुकों और आम जनता को किफायती, पौष्टिक और घर का बना खाना उपलब्ध कराना है.

इस पहल का उद्देश्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आय का एक स्थायी स्रोत प्रदान करना और समुदाय के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण में योगदान करते हुए स्वच्छ और उचित मूल्य वाला खाना सुनिश्चित करना है. यह स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के लिए अपनी पाक कला प्रतिभा और उद्यमशीलता क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है.

डीसी निधि मलिक ने इस पहल को शुरू करने में स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और संबंधित विभागों के प्रयासों की सराहना की.

उन्होंने महिलाओं के लिए आर्थिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर दिया और कहा कि “दीदी की रसोई” उनके आत्मविश्वास, कौशल और नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

उन्‍होंने कहा कि यह अभी शुरुआत है, आने वाले समय में कैंटीन का विस्‍तार किया जाएगा. कैंटीन के अंदर अच्‍छा स्‍पेस दिया गया है. उम्‍मीद है कि यह बेहतर तरीके से चलेगा. यह समूह बहुत ज्‍यादा बचत नहीं कर पाते हैं. ऐसे में इन सबको बना-बनाया प्‍लेटफॉर्म दे पाएं तो समूह को मदद मिलेगी.

उन्होंने दोहराया कि जिला प्रशासन समग्र और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है और स्थानीय विकास में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रियासी में इसी तरह की पहल को बढ़ावा दिया जाएगा.

’दीदी की रसोई’ का शुभारंभ डीएवाई-एनयूएलएम योजना के मूल मूल्यों को दर्शाता है, जो हाशिए पर रहने वाली महिलाओं को कौशल विकास, उद्यमिता और वित्तीय स्वतंत्रता के अवसर प्रदान करता है. यह पहल सशक्तीकरण और प्रगति का एक आदर्श उदाहरण है, जो एक आत्मनिर्भर और स्वस्थ रियासी जिले के दृष्टिकोण को मजबूत करता है.

एएसएच/एबीएम