गुजरात में प्राकृत भाषा में पुस्तक का उद्घाटन, सीएम भूपेंद्र पटेल हुए सम्मानित

Ahmedabad, 17 अगस्त . गुजरात के Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने Sunday को Ahmedabad में आयोजित ‘प्राकृत भाषा सत्कार समारोह’ के भव्य कार्यक्रम में प्राकृत भाषा में लिखित एक धार्मिक पुस्तक का उद्घाटन किया.

यह आयोजन जैन समाज की ओर से सुनील सागर महाराज के मार्गदर्शन में हुआ, जिसमें Chief Minister को विशेष रूप से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी जमकर सराहना हुई.

सुनील सागर महाराज ने अपने संबोधन में Chief Minister भूपेंद्र पटेल की 24 घंटे सेवा भावना की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “ऐसा मेहनती और समर्पित Chief Minister मिलना दुर्लभ है.” प्रधानमंत्री मोदी और Chief Minister पटेल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सहयोग से यह धार्मिक आयोजन ऐतिहासिक बन सका.

Chief Minister पटेल ने अपने भाषण में प्राकृत भाषा की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह भाषा जैन संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और इसके संरक्षण से नई पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़ा जा सकता है.

आयोजकों ने त्योहारों के महीने में मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध लगाने की अपील की ताकि धार्मिक भावनाओं का सम्मान हो सके. समारोह के अंत में आयोजकों ने Chief Minister और प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. जैन समाज ने प्राकृत भाषा के संरक्षण और प्रचार के लिए संकल्प लिया ताकि यह प्राचीन विरासत भविष्य में भी जीवित रहे. यह आयोजन गुजरात में धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना.

कार्यक्रम के बाद सुनील सागर महाराज ने से कहा, “प्राकृत संस्कृत से भी पुरानी प्राचीन भाषा है; यह सभी भाषाओं की जननी है. कुछ दिन पहले राज्यपाल की उपस्थिति में ब्रह्मलिपी सत्कार समारोह किया गया. प्रधानमंत्री मोदी तक हमारी बात पहुंची, तो उन्होंने प्राकृत भाषा को राष्ट्रीय शास्त्रीय भाषा घोषित किया.”

उन्होंने बताया, “हमारा मकसद है कि शास्त्रों में जो लिखा है, उसे तो हम प्राकृत और संस्कृत के माध्यम से पढ़ सकते हैं, लेकिन पत्थरों में ढाई और तीन हजार साल पहले क्या लिखा गया है, हम उस समय भी किस तरह से जनतांत्रिक और गणतांत्रिक थे. उन चीजों को समझना जरूरी है. अधिकतर शिलालेख प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में है.”

बता दें कि प्राकृत प्राचीन काल में जैन धर्म की प्रचलित भाषा थी. इस पुस्तक के विमोचन से जैन समुदाय में उत्साह का माहौल है.

एससीएच/एएस