पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी दल ने पीएम पोषण फंड का क‍िया दुरुपयोग : धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली, 11 मार्च . केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को राज्यसभा में शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब दिया. चर्चा के दौरान टीएमसी सांसदों ने शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर उंगली उठाते हुए कई प्रश्न खड़े किए. इनका जवाब देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कैग की एक रिपोर्ट में कुछ तथ्य आए थे. वहां पीएम पोषण फंड का दुरुपयोग किया गया.

शिक्षा मंत्री ने कहा क‍ि वहां के सत्ताधारी दल के अंदरूनी झगड़े के कारण जो हानि हुई है, उसकी क्षतिपूर्ति का मुआवजा पीएम पोषण के पैसे से भरा गया. पब्लिक पिटीशन से यह जानकारी सामने आने के बावजूद हमने इसे नहीं माना और सीएजी का स्पेशल ऑडिट करवाया. इसमें भी वही तथ्य आए. अब सीबीआई की जांच इस मामले में हो रही है.

मंगलवार को राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा बंगाल के गरीबों के लिए दिए गए पैसों को यद‍ि कोई पार्टीबाजी में खर्च करे, तो इसको देना चाहिए क्या? इसको हम कैसे दे सकते हैं.

उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार के लिए कहा, लोगों ने यदि आपको चुना है तो सेवा कीजिए. धर्मेंद्र प्रधान ने तृणमूल सांसदों से प्रश्न करते हुए पूछा कि आपके (पश्चिम बंगाल के) शिक्षा मंत्री कहां है अभी. किस शिक्षा मंत्री के घर में किस प्रकार (रुपये का) का पहाड़ मिला था. हम पुराने बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा हैं, जो बंगाल शिक्षा की, सरस्वती की भूमि होता था, रविंद्र ठाकुर की भूमि होता था, विवेकानंद की भूमि होता था, उस राज्य में शिक्षा मंत्री यदि ऐसा करेंं, तो उसको क्या कहा जाएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह बंगाल की स्थिति है. सच थोड़ा कड़वा होता है, यदि आप प्रजातंत्र में कुछ कहोगे तो आपको सुनने की क्षमता भी रखनी होगी.

इससे पहले सोमवार को शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने पश्चिम बंगाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि बंगाल के छात्रों के साथ एक चौंकाने वाला विश्वासघात किया जा रहा है. राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का शिक्षा-विरोधी रवैया बंगाल के युवाओं को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना से वंचित कर रहा है.

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