पश्चिम और मध्य अफ्रीका में 80 हजार बच्चों को हैजा का खतरा, संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी

New Delhi, 31 जुलाई . संयुक्त राष्ट्र ने पश्चिम और मध्य अफ्रीका में हैजा के बढ़ते मामलों को लेकर फिक्र जाहिर की है. यूएन ने चेताया है कि बरसात के मौसम में लगभग 80,000 बच्चे हैजा की चपेट में आ सकते हैं.

सिन्हुआ ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक के हवाले से बताया कि कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और नाइजीरिया में हैजा का प्रकोप ज्यादा है और इस वजह से पड़ोसी देशों में संक्रमण का जोखिम बढ़ गया है. इस स्थिति ने क्षेत्र में स्वास्थ्य संकट को और गहरा दिया है.

हक ने कहा कि चाड, कांगो गणराज्य, घाना, कोट डी आइवर और टोगो जैसे देश वर्तमान में हैजा की महामारी से जूझ रहे हैं. इसके अलावा, नाइजर, लाइबेरिया, बेनिन, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और कैमरून अपनी भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण इस बीमारी के प्रति अति संवेदनशील हैं और इन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

बारिश का मौसम इस स्थिति को और जटिल बना रहा है, क्योंकि दूषित पानी और अपर्याप्त स्वच्छता सुविधाएं हैजा के प्रसार में मदद करती हैं.

यूनिसेफ ने प्रकोप की शुरुआत से ही प्रभावित क्षेत्रों में सक्रियता से काम शुरू कर दिया है. संगठन उपचार केंद्रों और समुदायों को स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता और सफाई से संबंधित आवश्यक सामग्री उपलब्ध करा रहा है. इसके साथ ही, हैजा टीकाकरण अभियानों को बढ़ाने और परिवारों को स्वच्छ प्रथाओं के प्रति जागरूक करने के प्रयास तेज किए गए हैं.

हक ने कहा कि इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तत्काल और व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है.

संयुक्त राष्ट्र ने आगामी तीन महीनों में इमरजेंसी रिस्पॉन्स को ध्यान में रख 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया है. यह राशि स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छ जल आपूर्ति, स्वच्छता सुविधाओं, जोखिम संचार और सामुदायिक सहभागिता को मजबूत करने में उपयोग की जाएगी.

यूनिसेफ ने वैश्विक समुदाय से इस संकट से निपटने के लिए त्वरित सहायता की अपील की है ताकि हजारों बच्चों की जान बचाई जा सके और क्षेत्र में हैजा प्रसार को रोका जा सके.

एमटी/केआर