वाराणसी में मुस्लिम शिष्यों ने महंत बालक दास की उतारी आरती, लिया आशीर्वाद

वाराणसी, 21 जुलाई . देश भर में रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. वाराणसी के मंदिरों, मठों और आश्रमों में शिष्य अपने गुरु की पूजा कर रहे हैं. इसी बीच वाराणसी के पातालपुरी से एक अलग ही तस्वीर सामने आई है, यहां मुस्लिम शिष्यों ने महंत बालक दास की आरती उतारी.

गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दर्जनों मुस्लिम शिष्यों ने पातालपुरी के महंत बालक दास के चरणों में मत्था टेका, तिलक लगाया और आरती उतारकर उनका आशीर्वाद लिया. इस दौरान शिष्यों ने कहा कि गुरु किसी जाति और धर्म का नहीं होता है. धर्म और जाति से अलग हटकर भारत की संस्कृति और सभ्यता कायम रहनी चाहिए.

पातालपुरी के महंत महंत बालक दास ने कहा कि गुरु के शरण में सिर्फ शिष्य आता है. यहां धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है. सभी लोग गुरु के चरणों में आकर नतमस्तक होते हैं और गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

शिष्य मोहम्मद शहाबुद्दीन ने कहा कि एक कहावत है, ‘गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय. बलिहारी गुरु अपने गोविंद दियो बताय’. गुरु से ही ज्ञान हासिल होता है. गुरु को किसी जाति, धर्म, मजहब से मतलब नहीं होता है.

शिष्य अफरोज खान ने कहा कि गुरु पूर्णिमा का पर्व किसी मजहब से ताल्लुक नहीं है. देश में हमेशा भाईचारा बना रहे इसके लिए हम सभी को संदेश देते हैं कि गुरु की पूजा करें. हम लोग देश को जोड़ने का काम करते हैं, देश को बांटने का नहीं.

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