कोलकाता, 14 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के बाद भड़की हिंसा पर भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह वहां हिंसा भड़की और बीएसएफ ने हालात पर काबू पाया है, हम उन्हें सलाम करते हैं.
भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने से बात करते हुए कहा, “मुर्शिदाबाद के लोग बोल रहे हैं कि बीएसएफ उनके लिए भगवान से कम नहीं हैं. बंगाल पुलिस की मौजूदगी में घरों में आग लगा दी गई. लोगों को मारा गया, उनकी इज्जत लूटी गई और मंदिरों को तोड़ा गया, लेकिन पुलिस ने कुछ भी नहीं किया. बंगाल पुलिस के अधिकारी फोन करके बोल रहे हैं कि हमें कोई ऑर्डर नहीं दिया गया. मैं पूछना चाहती हूं कि मुर्शिदाबाद में जो हुआ है, उसे किसने कराया है. मैं बीएसएफ को सलाम करती हूं, उनकी वजह से मुर्शिदाबाद के लोग बच पाए हैं.”
मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर अग्निमित्रा पॉल ने कहा, “मैं सिर्फ इतना ही कहूंगी कि ‘मोदी है तो मुमकिन है’. विरोधी लोग बोलते थे कि मेहुल चोकसी समेत कई लोग देश छोड़कर भाग गए हैं. मगर, आज तहव्वुर राणा को पकड़कर अमेरिका से भारत लाया गया. पहले अमेरिका बोलता था कि तहव्वुर राणा को नहीं भेजेगा, लेकिन अब पीएम मोदी की वजह से उसे भारत लाया गया है. इस मामले की एनआईए जांच कर रही है. अब मेहुल चोकसी को भी बेल्जियम में पकड़ा गया है. आप देखते जाइए और क्या-क्या होता है. ये पीएम मोदी की ताकत है, जो भी आंखें उठाकर देखेगा, उसकी आंखें निकाल ली जाएगी.”
टीएमसी नेता देबांग्शु भट्टाचार्य की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर उन्होंने कहा, “वह मेरे छोटे भाई हैं, लेकिन मुझे उन पर दया आती है. मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि वह कितने और दिन सच को छुपाकर रखेंगे. वक्फ कानून के नाम पर जिस तरह से दंगा भड़काया गया है, उस पर वह क्या कहेंगे. राज्य की पुलिस इतनी कमजोर नहीं है कि वह स्थिति को न संभाल पाए. मगर, वही काम बीएसएफ ने करके दिखाया है. अगर ममता बनर्जी से स्थिति नहीं संभल रही है तो पूरे राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती कर दी जाए. बंगाल में रोहिंग्या और जिहादी लोग ही दंगा भड़का रहे हैं. देश का राष्ट्रवादी मुसलमान ऐसा नहीं कर रहा है, क्योंकि वो जानते हैं कि वक्फ कानून उनके हित में हैं.”
कार्तिक महाराज के मुर्शिदाबाद दौरे पर उन्होंने कहा, “वह देश और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ते हैं, क्योंकि वो जानते हैं कि देश को बचाना है. हमारा उद्देश्य है कि पश्चिम बंगाल को बचाना है, क्योंकि ममता बनर्जी तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं.”
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