अगले पांच वर्षों में लोकल उत्पाद को बढ़ावा देने के साथ रोजगार सृजन पर दिया जाएगा जोर : अश्विनी वैष्णव (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 23 अप्रैल . रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत लोगों के रोजगार सृजन की क्षमता को बढ़ाने के साथ ही पिछले 10 वर्षों में लोकल मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया है. अगले पांच साल में इस पर पूरी तरह से सरकार का फोकस रहेगा.

के साथ साक्षात्कार में केंद्रीय रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले दशक में निर्यात को तेजी बढ़ावा मिलने के साथ लोकल मैन्यूफैक्चरिंग में भारी वृद्धि देखी गई है, इसका नेतृत्व पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र ने किया है. जिसके जरिए 12 लाख नौकरियां पैदा हुई है और यह व्यापार 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा, “पिछले 10 वर्षों में, जब से पीएम मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया है, उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र में बड़ा सुधार लाने के लिए कई बदलाव करने के साथ इसकी सरलीकरण प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया है. जिसके नतीजे आज किसी भी क्षेत्र में देखे जा सकते हैं, चाहे वह रक्षा, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स या अन्य कोई भी हो. मैन्यूफैक्चरिंग लगभग हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण रूप में उभरा है और इसका रोजगार सृजन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है.”

अश्विनी वैष्णव ने को विस्तार से बताया, “अकेले इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में आई वृद्धि से लगभग 12 लाख नई नौकरियां पैदा हुई हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. मोबाइल उत्पादन के मामले में भारत दुनिया के शीर्ष दो देशों में से एक बन गया है और जिस तरह से यह बढ़ रहा है, वह अभूतपूर्व है. इससे देश को बहुत फायदा होगा और आने वाले वर्षों में रोजगार बढ़ेगा.”

लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों की मानें तो, “मोबाइल फोन का निर्यात भी 2014-15 में अनुमानित 1,566 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 90,000 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे निर्यात में 5,600 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.”

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग को बढ़ाने और 300 अरब डॉलर के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सरकार काम कर रही है और मोदी 3.0 के अगले पांच वर्षों में इस कोशिश को और मजबूती से अंजाम दिया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अगले पांच वर्षों में यह वृद्धि और भी मजबूत होकर उभरेगी क्योंकि लोगों को पीएम मोदी की नीतियों, उनके लगातार काम करने के तरीके और पारदर्शिता पर भरोसा है. पीएम मोदी का स्पष्ट ध्यान भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना है. उनकी इस सोच पर लोगों का विश्वास गहरा है.”

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