बकरीद के नाम पर हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर लगे विराम : डॉ सुरेंद्र जैन

नई दिल्ली, 31 मई . विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने ईद उल अजहा पर की जाने वाली कुर्बानी को लेकर मुस्लिम समुदाय से अपील है कि वह भी संवेदनशीलता का परिचय दें और ईको-फ्रेंडली ईद मनाएं.

डॉ सुरेंद्र जैन ने शनिवार को बकरीद के नाम पर होने वाली हिंसा, क्रूरता व अवैध गतिविधियों पर विराम लगाने की मांग करते हुए कथित पर्यावरण प्रेमियों के साथ उसके पूरे ईको सिस्टम की इस मामले में चुप्पी पर भी गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि दीपावली, होली आदि हिंदू त्योहारों पर तथाकथित पर्यावरण प्रेमी हिंदुओं को सांकेतिक रूप में या इको फ्रेंडली होली, दीपावली मनाने की अपील करते हैं. कुछ जगह न्यायपालिका का एक वर्ग भी स्वतः संज्ञान लेकर उपदेशात्मक आदेश भी देता देखा गया है. किंतु, बकरीद पर होने वाली कुर्बानी को लेकर ये सभी कथित पर्यावरणविद चुप्पी क्यों साध लेते हैं.

जैन ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 48 पशुओं के संरक्षण और पालन की बात करता है. गुजरात, मुंबई, उत्तराखंड आदि कई उच्च न्यायालयों ने स्पष्ट रूप से सार्वजनिक स्थलों पर कुर्बानी को वर्जित भी किया है. इसलिए यह कहना कि यह उनका कानूनी और धार्मिक अधिकार है, यह पूर्ण रूप से गलत है.

ईद आजकल कुर्बानी के नाम पर क्रूर हिंसा का खुला प्रदर्शन और वहां के सभ्य समाज को आतंकित करने का एक माध्यम भी बन गया है. बाकी सब धर्म की परंपराओं में मानवीय जीवन मूल्यों को ध्यान में रखकर सुधार किए गए हैं. सभी सभ्य समाज कुर्बानी जैसी बर्बर परंपरा को छोड़ रहे हैं. जिस तरह की चुनौतियां कुछ मुस्लिम नेताओं द्वारा दी जा रही है, ऐसा लगता है कि वे संवेदनशील समाजों को आतंकित करना चाहते हैं. हिंदू समाज अपनी भावनाओं व संविधान के प्रावधानों की सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहा है. वह उम्मीद करता है कि मुस्लिम नेता और तथाकथित पर्यावरण प्रेमी भी सभ्य समाज की भावनाओं का सम्मान करेंगे और सांकेतिक एवं अहिंसक ईद मनाने का आह्वान कर इस दिशा में आगे बढ़ेंगे.

डीकेएम/जीकेटी