Mumbai , 7 सितंबर . साल का अंतिम चंद्रग्रहण Sunday को लगने जा रहा है. यह एक पूर्ण चंद्रग्रहण होगा, जो देशभर में साफ दिखाई देगा. ऐसे में इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा. धार्मिक विषयों और संस्कृत शास्त्रों के ज्ञाता ज्योतिषाचार्य पंडित विवेक मिश्रा ने सूतक काल से जुड़े नियमों और सावधानियों को लेकर जरूरी जानकारी दी है.
उन्होंने बताया कि ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा और रात 1:26 बजे (8 सितंबर) समाप्त होगा. इसकी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट रहेगी.
पंडित विवेक मिश्रा ने बताया कि चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. यह सूतक काल ग्रहण समाप्त होने तक रहेगा. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन बना लें और खा लें, क्योंकि इस दौरान खाना बनाना, खाना ग्रहण करना और पूजा-पाठ जैसे धार्मिक कार्य शास्त्रों में वर्जित हैं.
पंडित मिश्रा ने आगे बताया, “सूतक काल से पहले अपने घर के पूजा स्थल को साफ कर लेना चाहिए और वहां गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए ताकि वातावरण शुद्ध हो जाए. खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने चाहिए, जिससे उनकी शुद्धता बनी रहे.”
उन्होंने कहा कि सूतक काल के दौरान इष्ट देव का नाम जपना सबसे उत्तम माना गया है. मंत्र जाप इस समय विशेष फलदायी होता है.
उन्होंने कहा, “मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में जो मंत्र जपे जाते हैं, वे जल्दी सिद्ध होते हैं. विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस दौरान मंत्रों का जाप करना चाहिए. इससे मां-बच्चा दोनों की सुरक्षा होती है.”
गर्भवती महिलाओं को चंद्रग्रहण के समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. उन्हें तेज या नुकीली चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए. ग्रहण के समय सोना और भोजन करना वर्जित माना जाता है, लेकिन गर्भवती महिलाएं स्वास्थ्य कारणों से ताजे फल, सात्विक भोजन और आवश्यक दवाइयां ले सकती हैं. पहले से बना खाना ग्रहण से पहले हटा लें और बाद में ताजा बनाएं.
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पीके/एबीएम