पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हाईवे बनाया है : ज्योतिरादित्य सिंधिया

New Delhi, 9 अक्टूबर . केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने Thursday को कहा कि मैं India के एक ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं और आपको बता दूं कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र का हर युवा कर्मचारी नहीं, बल्कि नियोक्ता बनना चाहता है.

Union Minister सिंधिया ने आईएमसी 2025 नेशनल बिल्डर्स समिट में कहा, “मेरे निर्वाचन क्षेत्र के हर युवा में नए कौशल सीखने, नई क्षमताएं सीखने और उन्हें न केवल खुद को आगे बढ़ाने के लिए, बल्कि अपने समुदायों और अपने क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए भी अपनाने की ललक है. यही वह क्षमता है जो आज India में मौजूद है.”

उन्होंने कहा कि 20 या 25 वर्ष पहले के निफ्टी या बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों पर नजर डालें तो आप पाएंगे कि उनमें से अधिकतर हमारे देश के छह महानगरों में स्थित थीं. आज, आप पाएंगे कि उनमें से अधिकतर टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थित हैं. यह India में हर छोटे शहर, हर कस्बे से आने वाली उद्यमशीलता क्षमता को दर्शाता है.

Union Minister सिंधिया ने कहा, “आज हमारे देश में 1.2 अरब मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं. दुनिया की 20 प्रतिशत मोबाइल आबादी India में रहती है. आप इंटरनेट सब्सक्रिप्शन पर नजर डालें तो 11 वर्ष पहले यह 25 करोड़ था और आज 97.4 करोड़ है. ब्रॉडबैंड की पहुंच पर नजर डालें तो 11 वर्ष पहले 6 करोड़ था और आज 94.4 करोड़ है.”

उन्होंने आगे कहा, “Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में India ने दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हाईवे बनाया है और यह डिजिटल हाईवे हमारे देश के 1.4 अरब लोगों को दुनिया से जोड़ने में सक्षम रहा है. मैं पूर्वोत्तर का प्रतिनिधित्व करता हूं. मेरे 8 पूर्वोत्तर राज्यों में आज साढ़े चार करोड़ लोग हैं, 91 प्रतिशत साक्षरता दर है और 75 प्रतिशत लोग 30 वर्ष से कम आयु के हैं. आज उनमें से प्रत्येक व्यक्ति में उद्यमी बनने, अपने हथकरघा, हस्तशिल्प, सेमी-कॉन चिप्स बनाने और खुद को विश्व बाजार से जोड़ने की क्षमता है.”

Union Minister सिंधिया ने यूपीआई को लेकर कहा कि आज दुनिया के दूसरे देशों में भी India जैसी क्षमता नहीं है.

उन्होंने कहा, “हमारे यूपीआई, हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए, हर महीने लगभग 20 अरब लेन-देन हो रहे हैं, वर्ष में 260 अरब लेन-देन हो रहे हैं, यूपीआई के जरिए लगभग 3 ट्रिलियन डॉलर का लेन-देन हो रहा है, दुनिया के 46 प्रतिशत डिजिटल लेन-देन India में हो रहे हैं. यही सशक्तिकरण का सच्चा एहसास है और इसी सशक्तिकरण से उद्यमिता की क्षमता फलती-फूलती है.”

एसकेटी/