एशिया प्रशांत क्षेत्र में 2024 में दोहरे अंक में बढ़ी ऑफिस स्पेस की मांग, भारत रहा सबसे आगे: रिपोर्ट

बेंगलुरु, 7 मार्च . एशिया प्रशांत (एपीएसी) के शीर्ष 11 बाजारों में ऑफिस स्पेस की मांग 2024 में 15.9 प्रतिशत बढ़कर 8.8 मिलियन स्क्वायर मीटर (94.7 मिलियन स्क्वायर फुट) हो गई है. इस बढ़त का नेतृत्व भारत, चीन और जापान की ओर से किया गया. यह जानकारी रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म कोलियर्स द्वारा शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट दी गई.

रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 की दूसरी छमाही काफी मजबूत रही है. इस दौरान रीजन में ऑफिस स्पेस की मांग सालाना आधार पर 6.1 प्रतिशत बढ़कर 4.7 मिलियन स्क्वायर मीटर (50.6 मिलियन स्क्वायर फुट) पर पहुंच गई थी. यह तेजी 2025 में भी जारी रहने की उम्मीद है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत में ऑफिस मार्केट गतिविधि विशेष रूप से मजबूत रही, जहां 2024 के दौरान 6.17 मिलियन स्क्वायर मीटर (66.4 मिलियन स्क्वायर फीट) लीजिंग देखी गई, जो कि दूसरी छमाही में मजबूत प्रदर्शन के कारण संभव हो पाया है. 2024 की दूसरी छमाही में 3.44 मिलियन स्क्वायर मीटर (37.0 मिलियन स्क्वायर फीट) ग्रॉस लीजिंग के साथ, भारत एपीएसी क्षेत्र में ऑफिस लीजिंग गतिविधि में अग्रणी बना रहा.

रिपोर्ट में बताया गया कि टेक्नोलॉजी फर्मों और फ्लेक्स स्पेस ऑपरेटरों ने मिलकर 2024 की दूसरी छमाही के दौरान भारत के शीर्ष छह शहरों में कुल टेक-अप का 46 प्रतिशत हिस्सा लिया. 2024 की दूसरी छमाही में 2.81 मिलियन स्क्वायर मीटर (30.3 मिलियन स्क्वायर फीट) से अधिक की नई आपूर्ति आई, जो शीर्ष छह शहरों में वार्षिक आधार पर 7 प्रतिशत अधिक है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2024 की दूसरी छमाही में बेंगलुरु और हैदराबाद ने ऑफिस मार्केट गतिविधियों को लीड किया. भारत के ए ग्रेड के ऑफिस स्पेस की आपूर्ति और मांग में इन दोनों शहरों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक थी.

कोलियर्स ने रिपोर्ट में बताया कि एपीएसी रीजन में ऑफिस स्पेस मांग बढ़ने की वजह कॉरपोरेट विस्तार, ऑफिस में वापसी और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स में बढ़त होना है.

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 2024 की दूसरी छमाही में भारत और जापान जैसे बाजारों में मांग में वृद्धि मजबूत रही और ऑस्ट्रेलिया में वृद्धि विशेष रूप से अधिक थी, इसकी वजह कम आधार होना था. हालांकि, 2024 की दूसरी छमाही में न्यूजीलैंड, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और ताइवान में लीजिंग गतिविधि अपेक्षाकृत धीमी रही.

एबीएस/