New Delhi, 12 सितंबर भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने सुरक्षित व स्वच्छ समुद्रों को आकार देने की भारत की प्रतिबद्धता वैश्विक स्तर पर व्यक्त की है. भारत सभी के लिए समुद्र को सुरक्षित और सुगम बनाने के दृष्टिकोण को बल देता है.
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने यही विचार इटली के रोम में आयोजित चौथे तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन (सीजीजीएस) में रखे. Friday को आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत ने वैश्विक समुद्री शासन को मजबूत करने और अधिक सुरक्षित व स्वच्छ समुद्रों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. इटली में हुए इस आयोजन में समुद्री सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण की घटनाओं, प्राकृतिक आपदाओं व समुद्री दुर्घटनाओं से निपटने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया.
इसके साथ ही इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन ने समुद्री सुरक्षा के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया में सर्वोत्तम विधियों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया. शिखर सम्मेलन के दौरान उन्नत तकनीकों, क्षमता निर्माण और मानव संसाधन विकास के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने और समुद्री सुरक्षा के साझा लोकाचार के तहत अंतर-क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर भी चर्चा की गई.
भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि के नेतृत्व में दो सदस्यीय भारतीय आईसीजी प्रतिनिधिमंडल यहां शामिल हुआ. यहां ‘गार्जियंस अगेंस्ट द ब्लेज़: आईसीजी टेक्निकल रिस्पांस टू फायर इमर्जेंसीज़’ शीर्षक से एक व्याख्यान हुआ. इस व्याख्यान में समुद्री सुरक्षा को आगे बढ़ाने में भारत की विशेषज्ञता और रचनात्मक भूमिका को दर्शाया गया.
वहीं आईसीजी ने वर्ष 2027 में आयोजित होने वाले पांचवें सीजीजीएस की अध्यक्षता के लिए भारत की इच्छा जताई है. इस शिखर सम्मेलन में 115 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता इटली और जापान ने की और वैश्विक महासागरीय पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सामूहिक दृष्टिकोण पर जोर दिया. जापान तटरक्षक बल और निप्पॉन फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2017 में पहली बार आयोजित, तटरक्षक वैश्विक शिखर सम्मेलन संवाद और विश्वास-निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण तंत्र के रूप में विकसित हुआ है.
इस शिखर सम्मेलन के चौथे संस्करण में इटली की Prime Minister जियोर्जिया मेलोनी और जापान के Prime Minister शिगेरु इशिबा ने वर्चुअल माध्यम से समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, खोज और बचाव तथा समुद्री कानून प्रवर्तन में तटरक्षक बल के सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला.
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जीसीबी/एएस