पुणे (महाराष्ट्र), 24 मई . पुणे पोर्श कार हादसे को लेकर पुणे पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि नाबालिग आरोपी दुर्घटना के समय पूरी तरह से होश में था. पुलिस ने एक मजबूत मामला तैयार किया है, जिसमें आरोपी को 10 साल तक की जेल हो सकती है. इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी.
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि पुलिस 18 मई (शनिवार) की रात को आरोपी के घर से निकलने के समय से लेकर 19 मई (रविवार) की सुबह करीब 2.30 बजे पोर्श कार हादसे तक के सभी पहलुओं की जांच कर रही है. इस घटना से देश भर में विरोध प्रदर्शन और हंगामा मच गया.
आरोपियों के ब्लड सैंपल की रिपोर्ट पर उठे सवाल पर पुलिस ने कहा कि दो ब्लड रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें से एक निजी अस्पताल और दूसरी सरकारी ससून अस्पताल की थी.
ड्राइवर के गाड़ी चलाने के दावे पर बात करते हुए कुमार ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि ड्राइवर ने ऐसा क्यों कहा या किसने उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया.
मामले में दो एफआईआर दर्ज होने के राजनीतिक आरोपों का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि रविवार सुबह दर्ज की गई पहली एफआईआर में आईपीसी की धारा 304 ए लगाई गई थी और जैसे ही मामले की गंभीरता सामने आई, वैसे ही कड़ी धारा 304 भी जोड़ दी गई.
कुमार ने कहा, ”पुलिस पर दबाव बना हुआ है हम बिल्कुल पुख्ता केस बना रहे हैं ताकि आरोपी 10 साल के लिए जेल जा सके.”
पुलिस प्रमुख ने गुरुवार से सोशल मीडिया नेटवर्क पर वायरल एक कथित रैप वीडियो रील पर कहा कि यह नकली है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बनाया गया है.
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने विपक्षी नेताओं के आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “हम फर्जी वीडियो मामले की जांच कर रहे हैं, इसे किसने बनाया है और इसके पीछे की मंशा क्या है. इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.”
दुर्घटना के बाद पुलिस हिरासत में आरोपी को पिज्जा और बर्गर परोसा गया. कथित तौर पर एआई तकनीक का उपयोग कर बनाया गया नकली वीडियो मध्य प्रदेश के एक टेक एक्सपर्ट के दिमाग की उपज था जो नई दिल्ली स्थित एक फर्म के लिए काम करता है.
बता दें कि शराब के नशे में 19 मई (रविवार) की सुबह करीब 2.30 बजे पोर्श कार चला रहे 17 वर्षीय नाबालिग ने एक मोटरसाइकिल को रौंद दिया. इस हादसे में दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी.
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एमकेएस/