रांची, 14 जून . झारखंड में किसानों के दो लाख रुपए तक के लोन माफ किए जाएंगे. इसके लिए सरकार ने सभी बैंकों से प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा है. यह जानकारी झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने दी है.
उन्होंने बताया है कि 31 मार्च 2020 तक जिन किसानों ने 50 हजार से लेकर दो लाख तक का लोन लिया है, उसे वन टाइम सेंटलमेंट के जरिए माफ किया जाएगा.
कृषि मंत्री ने शुक्रवार को नेपाल हाउस स्थित सचिवालय में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति के पदाधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक भी की. उन्होंने केसीसी और कृषि कार्य के उद्देश्य से लिए गए सभी प्रकार के लोन की स्थिति की समीक्षा की.
मंत्री ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार ने अपने वादे के मुताबिक ऐसे किसानों को राहत दी है, जो बैंक ऋण की वजह से परेशान थे. राज्य के करीब 4 लाख 73 हजार से ज्यादा किसानों के 50 हजार रुपये तक के ऋण माफ किए जा चुके हैं. इस मद में सरकार की ओर से 1,900 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बैंकों को दी गई है. 2021-22 में राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के मकसद से 50 हजार रुपये तक की राशि के ऋण को माफ करने की घोषणा की थी.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार ने वैसे सभी आवेदनों का निष्पादन कर लिया है, जिनकी केवाईसी हो चुकी है. सभी बैंकों के पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जिन किसानों के खाते एनपीए हो चुके हैं, उन्हें बंद करने के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजें, ताकि किसानों को ऋणमुक्त किया जा सके. ऐसे ऋणी, जिनकी मौत हो चुकी है तथा जिनके खाते एनपीए हो गये हैं, वैसे किसानों के लिए साक्ष्य सामने लाए जाने के बाद उन्हें भी बिना केवाईसी के ऋणमुक्त घोषित कर दिया जाएगा.
मंत्री ने बताया कि बहुराज्यीय भूमि सहकारी विकास बैंक समिति, पटना से लोन लेने वाले करीब 10,000 किसानों और देवघर को-ऑपरेटिव ग्रेन बैंक लिमिटेड के कर्जदार 14,346 किसानों के कर्ज को भी माफ करने पर विचार किया गया.
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एसएनसी/एबीएम