गुयाना में भी सेवा पखवाड़ा, भारतीय उच्चायोग ने ‘विकसित भारत दौड़’ आयोजित कर वैश्विक शांति का दिया संदेश

जॉर्जटाउन, 29 सितंबर . गुयाना के भारतीय उच्चायोग और स्वामी विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र ने 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाए जा रहे ‘सेवा पर्व’ के तहत जॉर्जटाउन में ‘विकसित India दौड़’ का आयोजन किया. इस दौड़ का उद्देश्य राष्ट्र सेवा का संदेश देने के साथ ही स्थिरता, पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक शांति के लिए काम करने की प्रतिबद्धता को मजबूत करना था.

जॉर्जटाउन स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर पोस्ट किया, “यह दौड़ 17 सितंबर से 2 अक्टूबर के दौरान सेवा पर्व (पखवाड़ा) या सेवा को समर्पित पखवाड़े का भी प्रतीक है, जो Prime Minister Narendra Modi के 75वें जन्मदिन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है.”

गुयाना Government, विभिन्न खेल महासंघों और गुयाना के सामुदायिक संगठनों के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के कई सदस्यों और अन्य लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

गुयाना के अलावा मॉरीशस के भारतीय उच्चायोग ने इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र (आईजीसीआईसी) के साथ मिलकर पोर्ट लुइस में ‘विकसित India दौड़’ का आयोजन किया, जिसमें मॉरीशस के President धर्मबीर गोखूल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

मॉरीशस में India के उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव ने प्रतिभागियों के साथ पीएम मोदी के ‘विकसित India 2047’ के विजन को साझा किया, प्रवासी भारतीयों को India के विकास में योगदान जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और मॉरीशस के साथ India की मजबूत विकास साझेदारी पर प्रकाश डाला.

इसके अलावा, अमेरिका में अटलांटा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने India Government के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ‘माई भारत’ के साथ मिलकर Sunday को विकसित India दौड़ 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया.

भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अनुसार, ‘रन टू सर्व द नेशन’ थीम के अंतर्गत, मेट्रो अटलांटा के प्रतिभागी 3 किलोमीटर की सामुदायिक दौड़ के लिए एक साथ आए, जिससे यह आयोजन सामूहिकता का एक सशक्त प्रतीक बन गया.

इस आयोजन में सेवा भाव के आदर्शों का जश्न मनाया गया और Prime Minister मोदी के ‘विकसित India 2047’ के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित किया गया. इसमें India के स्वदेशी मूल्यों को भी दर्शाया गया, जिसमें आत्मनिर्भरता, समावेशिता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के सामूहिक आह्वान पर प्रकाश डाला गया.

कनक/एबीएम