वित्त वर्ष 26 में भारतीय आईटी सर्विसेज सेक्टर की वृद्धि दर 6 से 8 प्रतिशत रह सकती है : क्रिसिल

नई दिल्ली, 27 मार्च . भारतीय आईटी सर्विसेज सेक्टर में वित्त वर्ष 2026 में 6 से 8 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है. इसकी वजह वैश्विक स्तर पर चुनौतियां और यूएस एवं यूरोप के बाजारों में अस्थिरता का होना है. यह जानकारी गुरुवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.

क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया कि आय में बढ़त को सहारा करेंसी में 2 प्रतिशत के मूल्यह्रास से भी मिलेगा.

यह भारतीय आईटी सर्विसेज सेक्टर के लिए लगातार तीसरा वित्तीय वर्ष होगा, जिसमें वृद्धि दर एकल अंक में होगी. हालांकि, ऑपरेटिंग मुनाफा अच्छी स्थिति में है. इसकी वजह कर्मचारियों की संख्या में कम बढ़ोतरी और कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर में कमी है.

रिपोर्ट में बताया गया कि आईटी सर्विसेज सेक्टर की आय में बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इश्योरेंस की हिस्सेदारी दो-तिहाई है. रिटेल की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग की 10 प्रतिशत और हेल्थकेयर की 10 प्रतिशत है.

वित्त वर्ष 25 में बीएफएसआई और रिटेल सेगमेंट में 2 प्रतिशत की (कॉस्टेंट करेंसी में) बढ़त देखने को मिल सकती है. मैन्युफैक्चरिंग और हेल्थकेयर में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिल सकती है. इसकी वजह वैश्विक स्तर पर चुनौतियां होना हैं.

क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि “निकट भविष्य में आईटी व्यय दक्षता लाभ, समेकन और लागत अनुकूलन पर केंद्रित रहेगा.”

इसके साथ ही रिपोर्ट में बताया गया कि आईटी सर्विसेज कंपनियों में मजबूत वृद्धि जारी रहेगी. इसकी वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और जनरेटिव एआई (जेन एआई) पर फोकस अधिक रहना है.

क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक आदित्य झावेर ने कहा, “हमें उम्मीद है कि घरेलू आईटी सर्विसेज कंपनियां वित्त वर्ष 2026 में नई भर्ती को लेकर सतर्क रहेंगी और कर्मचारी उपयोग पर ध्यान केंद्रित रखेंगी.”

इसके अलावा, रिपोर्ट में बताया गया कि आने वाले वित्त वर्ष न्म दिग्गज आईटी कंपनियां छोटी और मध्यम आकार की फर्मों का अधिग्रहण भी जारी रखेंगी, जिससे कि उत्पाद श्रृंखला और डिजिटल क्षमताएं बढ़ेंगी.

क्रिसिल रेटिंग्स स्टडी में शीर्ष 24 भारतीय आईटी सर्विसेज कंपनियों को शामिल किया गया है, जिनकी कुल इंडस्ट्री आय में 55 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.

एबीएस/