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New Delhi, 22 जुलाई . India का कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 20.91 मिलियन टन कम रहा है. इससे देश को 60,681.67 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत करने में मदद मिलेगी. यह जानकारी केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी.किशन रेड्डी की ओर से संसद में दी गई.
राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, Union Minister ने बताया कि 2024-25 के दौरान देश में कुल 243.62 मिलियन टन (एमटी) कोयला आयात किया गया, जबकि 2023-24 में यह 264.53 मिलियन टन था.
उन्होंने कहा कि देश में कोयले की अधिकांश आवश्यकता स्वदेशी उत्पादन से पूरी होती है. कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2029-30 तक लगभग 1.5 बिलियन टन का महत्वाकांक्षी घरेलू कोयला उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया है. Government का ध्यान कोयले के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और गैर-जरूरी कोयले के आयात को कम करने पर है.
कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2029-30 तक कोयला उत्पादन में वृद्धि के अनुमान को ध्यान में रखते हुए, देश में कोयला खनन आसान बनाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के उद्देश्य से फरवरी 2024 में कोयला रसद योजना और नीति भी शुरू की थी.
आयातित कोयले पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए Government ने कोयला ब्लॉकों के आवंटन को सुगम बनाया है, निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया है. साथ ही कोयला खनन परियोजनाओं के लिए आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है.
इसके अतिरिक्त, Union Minister ने बताया कि फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी (एफएमसी) और डिजिटलीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर Governmentी कोयला कंपनियों द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
Union Minister के मुताबिक, घरेलू कोयले की खपत को प्रोत्साहित करने और विदेशी कोयला आयात के रिप्लेसमेंट के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है.
आईएमसी ने अपनी विभिन्न बैठकों के माध्यम से, उन आयातित कोयला आधारित (आईसीबी) प्लांट्स की पहचान की है जहां घरेलू कोयले की आपूर्ति की जा सकती है.
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एबीएस/