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पेरिस, 10 सितंबर . फ्रांस में ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन के तहत हो रहे प्रदर्शनों ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. Police ने अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
ये विरोध प्रदर्शन Prime Minister फ्रांस्वा बायरू की Government गिरने के बाद President इमैनुएल मैक्रों द्वारा उनके करीबी सहयोगी सेबास्टियन लेकॉर्नू को नया Prime Minister बनाए जाने के बाद और तेज हो गए हैं.
फ्रांसीसी अधिकारियों ने हालात संभालने के लिए 80,000 Policeकर्मी और जेंडरम तैनात किए. हजारों प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर आगजनी, बैरिकेड्स और यातायात अवरोध पैदा किए. राजधानी पेरिस के रिंग रोड, जो यूरोप का सबसे व्यस्त शहरी मार्ग है, प्रदर्शनकारियों ने उसे भी अवरुद्ध करने की कोशिश की गई. Wednesday सुबह तक केवल पेरिस क्षेत्र में 95 और राजधानी से बाहर आठ गिरफ्तारियां हुईं.
पेरिस के पूर्वी हिस्से पोर्त द मोन्त्रुई में प्रदर्शनकारियों ने कूड़ेदान में आग लगा दी और ट्राम की पटरियों को बाधित करने की कोशिश की. Police ने तुरंत अवरोध हटाकर भीड़ को तितर-बितर किया. प्रदर्शनकारी हाईवे पर भी पहुंचे, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रोक दिया. हालात पेरिस के व्यस्ततम रेलवे स्टेशन ‘गारे द नॉर्द’ के आसपास तनावपूर्ण हो गए, जहां सैकड़ों लोग जमा हो गए. Police ने स्टेशन का रास्ता बंद कर दिया और भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे आम यात्री भी प्रभावित हुए.
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम अब और बर्दाश्त नहीं करेंगे. आज हम मैक्रों को यह दिखाने आए हैं कि जनता अब तंग आ चुकी है. वह लोगों की आवाज को यूं ही नजरअंदाज नहीं कर सकते.”
जानकारी के मुताबिक, यह आंदोलन social media और टेलीग्राम चैनलों के जरिए संगठित किया गया है. महंगाई, मितव्ययिता उपायों और कथित “अकार्यकुशल Political व्यवस्था” को लेकर जनता का गुस्सा इसमें साफ दिख रहा है. हालांकि 2018 के ‘येलो वेस्ट’ प्रदर्शनों की तुलना में यह आंदोलन कम संगठित है, लेकिन ऑनलाइन समर्थन काफी मिल रहा है.
दो प्रमुख यूनियनों, सीजीटी और एसयूडी, ने Wednesday को प्रदर्शनों का समर्थन किया है. वहीं, 18 सितंबर को व्यापक हड़ताल की भी घोषणा की गई है. एक इप्सोस सर्वेक्षण के अनुसार, करीब 46 प्रतिशत फ्रांसीसी नागरिकों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है, जिसमें वामपंथियों के साथ-साथ दक्षिणपंथी नेशनल रैली के आधे से अधिक समर्थक भी शामिल हैं.
स्वास्थ्यकर्मी और फार्मेसी कर्मचारी भी मेडिकल रिइम्बर्समेंट में कटौती के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. यूनियनों ने चेतावनी दी है कि इससे फ्रांस की 20,000 फार्मेसियों में से लगभग 6,000 बंद हो सकती हैं.
लोगों का गुस्सा बायरू Government के उन प्रस्तावों पर भी है, जिनमें दो सार्वजनिक अवकाश खत्म करने और बजट घाटा कम करने जैसे कठोर कदम शामिल थे. कई प्रदर्शनकारियों ने President मैक्रों से संसद भंग कर तुरंत नए चुनाव कराने की मांग की है.
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डीएससी/