नई दिल्ली, 19 मई . लेटेस्ट सरकारी आंकड़ों के अनुसार स्मार्टफोन आधिकारिक तौर पर वित्त वर्ष 2025 में भारत का शीर्ष निर्यातित सामान बन गया है, जिसने पेट्रोलियम उत्पादों और कटे हुए हीरे जैसे ट्रेडिशनल हेवीवेट को भी पीछे छोड़ दिया है.
सरकारी समर्थन के साथ एप्पल और सैमसंग जैसे टेक दिग्गजों द्वारा मजबूत स्थानीय विनिर्माण के कारण, स्मार्टफोन निर्यात वित्त वर्ष 2025 में 55 प्रतिशत बढ़कर 24.14 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 15.57 बिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2023 में 10.96 बिलियन डॉलर था.
आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान में शिपमेंट में सबसे बड़ी उछाल देखी गई.
अमेरिका का निर्यात लगभग पांच गुना बढ़ा है, जो कि वित्त वर्ष 2023 में 2.16 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 2025 में 10.6 बिलियन डॉलर हो गया.
इसी तरह, जापान को शिपमेंट चार गुना बढ़ गया, जो इसी अवधि के दौरान केवल 120 मिलियन डॉलर से बढ़कर 520 मिलियन डॉलर हो गया.
इस तीव्र वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को जाता है, जिसने वैश्विक निवेश को आकर्षित करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने और भारतीय उत्पादन को ग्लोबल वैल्यू चेन में इंटीग्रेट करने में मदद की है.
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग का संयुक्त रूप से 94 प्रतिशत हिस्सा रहा.
स्थानीय विनिर्माण में उनके निरंतर निवेश ने स्मार्टफोन को देश की शीर्ष निर्यात वस्तु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन शिपमेंट में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
वित्त वर्ष 2025 में, भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग में उछाल देखा गया, जो कि खासकर एप्पल के लिए देखी जा रही थी.
आईडीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में एप्पल ने सभी ब्रांडों में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, जिसने रिकॉर्ड 3 मिलियन आईफोन की शिपिंग की.
अकेले आईफोन 16 सबसे अधिक शिप किया गया मॉडल था, जिसने तिमाही में सभी स्मार्टफोन की बिक्री में 4 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की.
भारत का स्मार्टफोन बाजार भी अधिक महंगे मॉडल की ओर बढ़ रहा है.
2025 की पहली तिमाही में औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) रिकॉर्ड 274 डॉलर पर पहुंच गया, जबकि प्रीमियम सेगमेंट (600-800 डॉलर) में लगभग 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
इस क्षेत्र में एप्पल के आईफोन 13 और 16 का दबदबा रहा, जिससे इसकी बाजार हिस्सेदारी और भी बढ़ गई.
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