दरभंगा, 13 नवंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के दरभंगा में 12,100 करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं की सौगात दी. साथ ही पीएम मोदी ने दरभंगा में बनने वाले बिहार के दूसरे एम्स का भी शिलान्यास किया. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार देश में स्वास्थ्य को लेकर हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ काम कर रही है.
उन्होंने बताया कि सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्रों में 5 बातों पर फोकस कर रही है. हमारा पहला कदम, हमारा फोकस बीमारी से बचाव पर है, दूसरा फोकस बीमारी की सही तरीके से जांच पर है, तीसरा फोकस है लोगों को मुफ्त और सस्ता इलाज मिले और सस्ती दवाएं मिले, हमारा चौथा फोकस है छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतरीन सुविधाएं पहुंचाना. देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करना और हमारा पांचवा फोकस है स्वास्थ्य सेवाओं में टेक्नोलॉजी का विस्तार करना.
पीएम मोदी ने कहा कि आज बिहार समेत पूरा देश विकास के बड़े-बड़े लक्ष्यों को पूरा होते देख रहा है. जिन सुविधाओं, परियोजनाओं के पहले सिर्फ चर्चा होती थी, आज वो वास्तविकता बनकर जमीन पर उतर रही है. हम विकसित भारत की तरफ तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. हमारी पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं और इसे पूरा करने में अपना योगदान भी दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश की सेवा के लिए, लोगों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है. सेवा की इसी भावना से यहां एक ही कार्यक्रम में विकास से जुड़े 12,000 करोड़ रुपए के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है. इसमें रोड, रेल और गैस इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स हैं और सबसे बड़ी बात दरभंगा में एम्स का सपना साकार होने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया गया है. दरभंगा एम्स के निर्माण से बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा. इससे मिथिला, कोसी और तिरहुत क्षेत्र के अलावा पश्चिम बंगाल और आसपास के कई क्षेत्र के लोगों के लिए सुविधा होगी. नेपाल से आने वाले मरीज भी इस एम्स में इलाज करा सकेंगे. एम्स से यहां रोजगार-स्वरोजगार के अनेक नए अवसर बनेंगे. मैं दरभंगा को, मिथिला को, पूरे बिहार को इन विकास कार्यों के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी आबादी गरीब और मध्यम वर्ग की है, और बीमारी भी सबसे अधिक इन्हीं वर्गों को प्रभावित करती है. इस वजह से इलाज पर इनका खर्च भी बहुत ज्यादा होता है. हम सब उसी पृष्ठ भूमि के हैं, गरीब और सामान्य परिवारों से निकले हैं. इसलिए घर में कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ता है तो कैसे पूरा घर संकट में आ जाता है, हम इस चिंता को भली-भांति समझते हैं. पहले के दौर में स्थितियां भी बहुत कठिन हुआ करती थी. अस्पताल बहुत ही कम थे, डॉक्टरों की संख्या बहुत ही कम थी, दवाइयां बहुत महंगी थी, बीमारी की जांच का कोई ठिकाना नहीं था, सरकारें सिर्फ वादों और दावों में ही उलझी रहती थी. यहां बिहार में जब तक नीतीश कुमार सरकार में नहीं आए थे तब तक गरीबों की इस चिंता को लेकर कोई गंभीरता ही नहीं थी. गरीब के पास चुपचाप बीमारी सहने के अलावा और कोई चारा नहीं था. ऐसी स्थिति में हमारा देश कैसे आगे बढ़ता, इसलिए पुरानी सोच और अप्रोच दोनों बदला.
उन्होंने कहा कि कोई परिवार नहीं चाहता कि उसके घर में कोई बीमार पड़े. शरीर स्वस्थ रहे, इसके लिए आयुर्वेद, पोषक खानपान का महत्व लोगों को बताया जा रहा है. फिट इंडिया मूवमेंट चलाया जा रहा है. ज्यादातर सामान्य बीमारियों की वजह गंदगी, दूषित खानपान, खराब जीवनशैली होती है. इसलिए स्वच्छ भारत अभियान, हर घर शौचालय, नल से जल जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं. ऐसे आयोजनों से शहर तो स्वच्छ बनता ही है बीमारियां फैलने की गुंजाइश भी कम होती है.
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एसके/एबीएम