नई दिल्ली, 19 मार्च . दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन पर दिल्ली में सीसीटीवी लगाने के मामले में एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) द्वारा एफआईआर पंजीकरण का स्वागत किया.
उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है और आगे भी ऐसे कई मामले सामने आएंगे ,जिन्हें अरविंद केजरीवाल सरकार ने दबा रखा था या जिनकी जांच में जानबूझकर देरी की गई थी.
सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने 2017-18 में एक निजी कंपनी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाने का 571 करोड़ रुपये का ठेका दिया था. इस ठेके में देरी के चलते कंपनी पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे कुछ ही दिन बाद सत्येन्द्र जैन ने 7 करोड़ रुपये लेकर माफ कर दिया था.
सचदेवा ने यह भी बताया कि इस मामले की शिकायत पहले अन्य विभागीय सूत्रों के अलावा दिल्ली भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी की थी, जिसके बाद यह मामला एसीबी तक पहुंचा था. एसीबी ने 2023 में सत्येन्द्र जैन पर बीइएल से 7 करोड़ रुपये रिश्वत मामले की जांच पूरी कर ली थी पर केजरीवाल सरकार की लीपापोती के चलते एफआईआर नहीं हो पा रही थी. अब एफआईआर हुई है और हम उम्मीद करते हैं की सीसीटीवी लगाने के घोटालों के तार अब खुलेंगे.
दरअसल एसीबी ने अहम कदम उठाते हुए भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जैन पर आरोप है कि उन्होंने 571 करोड़ रुपये के सीसीटीवी प्रोजेक्ट में 16 करोड़ रुपये का जुर्माना माफ करने के बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत ली.
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने में देरी के कारण कंपनी पर 16 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे जैन ने रिश्वत लेकर माफ कर दिया. इस मामले की जांच जारी है.
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एकेएस/जीकेटी