बिहार : सहरसा में मशरूम खेती से बदल रही महिलाओं की जिंदगी, रोजगार के नए अवसर से बन रहीं सशक्‍त

सहरसा, 9 सितंबर . केंद्र सरकार ग्रामीण महिलाओं को सशक्‍त और आत्‍मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में बिहार सरकार की तरफ से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मशरूम की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

ऐसे में केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत घरेलू महिलाएं डिजिटल सखी और जीविका दीदियों से जुड़कर स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं.

सिहौल की शशिकला देवी ने डिजिटल सखी से जुड़कर अपनी जीविका शुरू की. चार दिवसीय मशरूम खेती प्रशिक्षण से उन्होंने सीखा कि नौकरी के साथ पार्ट टाइम काम कर अतिरिक्त आय कैसे की जा सकती है. मशरूम किट की लागत 30 रुपये है. इस पर सरकार 55 रुपये का अनुदान देती है.

वहीं इसका प्रशिक्षण प्राप्त बरहशेर की रीना भारती अब अन्य महिलाओं को प्रेरित करने का काम करेंगी. वहीं मौकना की प्रियंका कुमारी बच्चों को पढ़ाने के साथ मशरूम की खेती कर रही हैं.

सहरसा के कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर की वैज्ञानिक डॉ. सुनीता पासवान ने से खास बातचीत में बताया कि चार दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स में महिलाओं को मशरूम उत्पादन के लाभ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग की जानकारी दी जाती है. इसके लिए डिजिटल सखी जोड़ी गई हैं. 50 प्रतिशत तक डिजिटल सखी हैं और बाकी जीविका दीदी हैं. प्रशिक्षण के बाद ये महिलाएं गांव में जाकर लोगों को जागरूक करेंगी. अगर जरूरत पड़ी तो प्रशिक्षण को बढ़ाया जा सकता है. इस प्रशिक्षण से महिलाएं प्रशिक्षित होने के साथ ही आत्‍मनिर्भर बन रही हैं.

उद्यान विभाग की योजना में किसानों को अनुदानित दर पर मशरूम हट बनाने की सुविधा मिल रही है. पैडी और ओयेस्टर मशरूम किट 75 रुपये में मिलेगी. इस पर 67.50 रुपये का अनुदान है. बटन मशरूम किट 90 रुपये की है. इस पर 81 रुपये का अनुदान मिलेगा. बकेट मशरूम किट 300 रुपये का है. इस पर 270 रुपये का अनुदान दिया जाएगा. यह योजना महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर दे रही है. साथ ही बाजार की मांग के अनुरूप उत्पादन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है.

एएसएच/जीकेटी