पटना, 6 नवंबर . लोकआस्था के महापर्व छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के दूसरे दिन बुधवार को ‘खरना’ के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. भगवान भास्कर की भक्ति में डूबे छठव्रतियों ने सूर्यास्त के बाद प्रसाद बनाकर खरना किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे तक का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया. खरना को ‘लोहड़ा’ भी कहा जाता है.
छठ पर्व के दूसरे दिन व्रती पटना स्थित गंगा नदी के तटों पर जुटे और स्नान कर मिट्टी के बने चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर गुड़ में बनी खीर और रोटी बनाकर भगवान भास्कर की पूजा की और खरना किया. सभी व्रतियों ने सुख-समृद्धि की कामना की.
खरना के बाद आसपास के लोग भी व्रती के घर पहुंचे और खरना का प्रसाद ग्रहण किया. कई श्रद्धालु गंगा के तट पर या जलाशयों के किनारे भी विधि-विधान से खरना करते दिखे. महापर्व छठ के खरना के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. सभी ओर छठी मईया के गीत गूंज रहे हैं.
छठ पर घाटों से लेकर सड़कों, मोहल्लों को सजाया गया है. रोशनी की पुख्ता व्यवस्था की गई है. गुरुवार को छठव्रती गंगा तटों और जलाशयों में पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी.
मंगलवार को ‘नहाय-खाय’ के साथ ही चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया था. छठ पर्व के मद्देनजर प्रदेश में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न जिलों में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है.
केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को भी विभिन्न जिलों में प्रतिनियुक्त किया गया है. पुलिस अधीक्षक से पुलिस उपाधीक्षक स्तर के 20 पदाधिकारियों को पटना जिला में, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के कुल चार पदाधिकारियों को औरंगाबाद जिला में प्रतिनियुक्ति किया गया है. राज्य में 35 कंपनी बिहार सैन्य पुलिस बल एवं तीन कंपनी केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की प्रतिनियुक्ति की गई है.
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एमएनपी/एबीएम