नई दिल्ली, 16 अप्रैल . भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान देश के राष्ट्रीय जलमार्गों पर 145.5 मिलियन टन माल की आवाजाही का रिकॉर्ड बनाया है.
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान परिचालन जलमार्गों की कुल संख्या 24 से बढ़कर 29 हो गई, जिससे अब तक का सबसे अधिक माल परिवहन हुआ.
वित्त वर्ष 2014 और वित्त वर्ष 2025 के बीच राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल यातायात 18.10 एमएमटी से बढ़कर 145.5 एमएमटी हो गया है, जिसमें 20.86 प्रतिशत सीएजीआर वृद्धि दर्ज की गई है.
वित्त वर्ष 2025 में, यातायात की आवाजाही ने वित्त वर्ष 2024 की तुलना में सालाना आधार पर 9.34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की.
वित्त वर्ष 2025 के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) पर ले जाए गए कुल माल का 68 प्रतिशत से अधिक हिस्सा कोयला, लौह अयस्क, लौह अयस्क चूर्ण, रेत और फ्लाई ऐश था.
बयान में कहा गया है कि पिछले कुछ वर्षों में, एनडब्ल्यू पर माल की आवाजाही को सुव्यवस्थित करने के लिए जलवाहक योजना जैसे कई सक्रिय नीतिगत उपाय और इंफ्रास्ट्रक्चर पहल की गई हैं.
योजना को बढ़ावा देने के लिए, भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल के माध्यम से एनडब्ल्यू-1, एनडब्ल्यू-2 और एनडब्ल्यू-16 पर शेड्यूल्ड कार्गो सर्विस को चालू किया गया.
इस योजना से 800 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो को आईडब्ल्यूटी मोड में डायवर्ट करने की उम्मीद है, जो राष्ट्रीय जलमार्गों पर वर्तमान 4,700 मिलियन टन-किलोमीटर कार्गो का लगभग 17 प्रतिशत है.
राष्ट्रीय जलमार्ग (जेट्टी/टर्मिनलों का निर्माण) विनियम, 2025 राष्ट्रीय जलमार्गों पर अंतर्देशीय टर्मिनलों के विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करता है.
निजी, सार्वजनिक और संयुक्त उद्यम संस्थाएं डिजिटल पोर्टल के माध्यम से आईडब्ल्यूएआई से एनओसी प्राप्त कर देश भर में जेटी/टर्मिनल विकसित कर सकती हैं.
कार्गो की आवाजाही को बढ़ावा देने के लिए दूसरी पहलों में परेशानी-मुक्त परिचालन के लिए फेयरवे का विकास शामिल है. राष्ट्रीय जलमार्गों पर पहचाने गए हिस्सों के लिए एंड-टू-एंड ड्रेजिंग कॉन्ट्रैक्ट जारी किए गए हैं.
विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों पर रोल-ऑन/रोल-ऑफ (रो-रो) और रो-पैक्स सेवाओं की शुरुआत ने भी यातायात को बढ़ावा देने में मदद की है.
–
एसकेटी/एबीएम