हेमंत कैबिनेट का अहम फैसला, झारखंड के 39 लाख बिजली उपभोक्ताओं के बकाया 3,584 करोड़ का बिल माफ

रांची, 29 अगस्त . झारखंड सरकार ने राज्य के बिजली बकायेदारों को बड़ा तोहफा दिया है. प्रतिमाह अधिकतम 200 यूनिट तक की बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के पहले से बकाया चले आ रहे बिल को पूरी तरह माफ कर दिया गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.

कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि राज्य में 200 यूनिट तक की बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 39 लाख 44 हजार 389 है. उनके बकाया बिल माफ करने पर करीब 3,584 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.

आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कैबिनेट ने कुल 44 प्रस्तावों को मंजूरी दी जिनमें कई लोकलुभावन निर्णय शामिल हैं.

झारखंड निवासी वैसे अग्निवीर, जिनकी ड्यूटी के दौरान किसी वजह से मृत्यु हो जाती है, उनके आश्रित को सरकारी नौकरी और 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.

कैबिनेट ने राज्य के छह जिलों धनबाद, दुमका, गोड्डा, चतरा और कोडरमा में 10 हजार 388 अतिरिक्त आंगनबाड़ी सेविकाओं को फिर से सेवा में बहाल करने की भी स्वीकृति दी है. इन्हें पोषण सखी के रूप में जाना जाता है. इन जिलों में कुपोषण दूर करने के लिए केंद्र की सहायता से चलने वाली योजना के तहत काम करने वाली इन कर्मियों की सेवा करीब एक साल पहले समाप्त हो गई थी. अब उन्हें फिर से नियुक्त कर लिया जाएगा.

एक अन्य फैसले के अनुसार, राज्य के स्कूलों में मिड डे मील बनाने के लिए कार्यरत 79 हजार से ज्यादा रसोइया और सहायिकाओं को अब हर साल 10 महीने की बजाय 12 महीने का मानदेय दिया जाएगा.

राज्य सरकार के कर्मियों के महंगाई भत्ते में नौ फीसदी की वृद्धि की गई है. अब उन्हें 230 प्रतिशत की बजाय 239 फीसदी महंगाई भत्ता प्राप्त होगा. कैबिनेट ने राज्य में कल्याण विभाग की ओर से संचालित आवासीय विद्यालयों में सीटें बढ़ाने का भी निर्णय लिया है. फिलहाल इन विद्यालयों के छात्रावासों की क्षमता 16 हजार 368 छात्रों की है. अब सीटों की संख्या बढ़कर 37 हजार हो जाएगी.

सरकार ने झारखंड राज्य आंदोलनकारियों को चिह्नित करने के लिए कार्यरत आयोग को एक साल का अवधि विस्तार दिया है. अब आयोग 14 जुलाई 2025 तक कार्य करेगा.

एसएनसी/एकेजे