स्टार्टअप इकोसिस्टम का असर, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स और डब्ल्यूआईपीओ में बढ़ रहा भारत का कद

नई दिल्ली, 24 नवंबर . भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. इस कारण देश का वैश्विक नवाचार और बौद्धिक संपदा में प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) और विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक (डब्ल्यूआईपीआई) 2024 की रिपोर्ट में देश का प्रदर्शन प्रुमख बौद्धिक संपदा श्रेणियों-पेटेंट, ट्रेडमार्क और इंडस्ट्रीयल डिजाइनों में काफी अच्छा रहा है.

भारत ने वैश्विक पेटेंट आवेदनों में मजबूत प्रगति की है और 2024 विश्व बौद्धिक संपदा संकेतक रिपोर्ट में 6वां स्थान प्राप्त किया है, 2023 में 64,480 पेटेंट दाखिल किए थे. इसमें सालाना आधार पर 15.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. पेटेंट आवेदनों में भारत से पहले चीन, अमेरिका, जापान और दक्षिण कोरिया का स्थान है.

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की रिपोर्ट में बताया गया कि ट्रेडमार्क और इंडस्ट्रीयल डिजाइन एप्लीकेशन में भी भारत का प्रभाव बढ़ा है. ट्रेडमार्क फाइलिंग में भारत की रैंकिंग 2023 में चौथी रही है.

वहीं, 2023 में इंडस्ट्रीयल डिजाइन आवेदनों में 36.4 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई है, जो दिखाता है कि विभिन्न उद्योगों में रचनात्मकता और डिजाइन नवाचार पर बढ़ते जोर का संकेत है. यह उछाल देश के न केवल विनिर्माण बल्कि उत्पाद विकास की ओर भी बदलाव को दर्शाता है.

भारत में बौद्धिक संपदा में वृद्धि के लिए सरकार की ओर से भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. केंद्र सरकार द्वारा 2016 में राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (एनआईपीआर) को लॉन्च किया गया. इस नीति का उद्देश्य बौद्धिक संपदा को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ना, इकोसिस्टम को मजबूत करना और बौद्धिक संपदा सेवाओं तक बेहतर पहुंच प्रदान करके नवाचार को बढ़ावा देना था. इस नीति की मुख्य फीचर बौद्धिक संपदा से जुड़े कार्यलयों का आधुनिकीकरण और डिजिटाइजेशन करना था.

इस दौरान भारत की रैंकिंग ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (जीआईआई) में भी तेजी से बढ़ी है. ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024 में भारत की रैंकिंग 39वीं है, जो कि 2015 में 81वीं थी. इसकी वजह देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम का तेजी से बढ़ना है.

2024 में डब्ल्यूआईपीओ रिपोर्ट और जीआईआई रैंकिंग में भारत का अच्छा प्रदर्शन दिखाता है कि देश में नवाचार तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे चलकर भारत के आर्थिक विकास में भी मदद करेगा.

एबीएस/