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हैदराबाद, 30 अक्टूबर . चक्रवाती तूफान मोंथा के प्रभाव से हुई अत्यधिक भारी बारिश के बाद तेलंगाना के वारंगल और हनमकोंडा कस्बे में Thursday को पानी भर गया. यह तूफान तटीय आंध्र प्रदेश और उससे सटे तेलंगाना पर एक गहरे दबाव के क्षेत्र में कमजोर पड़ गया है.
भारी बारिश ने वारंगल, करीमनगर, सिद्दीपेट, नलगोंडा, खम्मम और अन्य जिलों में कहर बरपा दिया. सड़कों और रेल पटरियों के जलमग्न होने से सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ और फसलों को भारी नुकसान हुआ.
हनमकोंडा जिले के भीमदेवरापल्ले में Wednesday को सबसे अधिक 41.9 सेमी बारिश दर्ज की गई.
तेलंगाना विकास योजना सोसाइटी के अनुसार, 35 स्थानों पर 20.50 सेमी से अधिक की अत्यधिक भारी बारिश हुई, जबकि 68 स्थानों पर 11.50 सेमी से अधिक बारिश दर्ज की गई.
लगातार बारिश के कारण वारंगल और आसपास के हनमकोंडा और काजीपेट शहरों के कई रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए.
वारंगल और हनमकोंडा को जोड़ने वाली हंटर रोड, बोंधी नदी के उफान पर आने से जलमग्न हो गई, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई.
नालों के उफान पर होने के कारण वारंगल-मुलुगु मार्ग पर भी यातायात बाधित रहा.
बाढ़ के कारण भद्रकाली मंदिर का सड़क संपर्क भी टूट गया. भद्रकाली झील के उफान पर होने से आसपास की कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं.
वारंगल की मेयर गुंडू सुधारानी के अनुसार, ग्रेटर वारंगल नगर निगम (जीडब्ल्यूएमसी) के अंतर्गत आने वाले लगभग 45 इलाकों में बाढ़ आ गई है.
उन्होंने कहा कि निचले इलाकों से लगभग 1,200 लोगों को सुरक्षित निकालकर पुनर्वास केंद्रों में पहुंचाया गया है.
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, इंजीनियरिंग और स्वच्छता शाखा के कर्मचारियों वाली सात टीमें बचाव अभियान में लगी हुई हैं. लोगों को बचाने के लिए नावों को भी लगाया गया है.
बाढ़ में फंसे लोगों को भोजन, पानी और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
तालाबों और नालों के उफान पर होने से वारंगल और हनमकोंडा जिलों में स्थिति और बिगड़ गई है. भारी बारिश के बाद हनमकोंडा का बस अड्डा पानी में डूब गया.
वारंगल जिले के वर्धन्नापेट मंडल के उपरपल्ली गांव में सड़क परिवहन निगम की एक बस बाढ़ के पानी में फंस गई. वारंगल जा रही बस एक उफनती झील के पानी से सड़क पर पानी भर जाने के बाद फंस गई. हालांकि, यात्री सुरक्षित बाहर निकलने में कामयाब रहे.
इस बीच, बंदोबस्ती और वन मंत्री कोंडा सुरेखा ने वारंगल शहर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया. उन्होंने जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों से फोन पर बात की और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
सांसद कदियम कविया और वारंगल जिला कलेक्टर सत्य शारदा ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.
करीमनगर जिले के सैदापुर मंडल में भी भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई. वेंकापल्ली में एक नहर में दरार आने से सड़कों पर पानी भर जाने के कारण मंडल के कुछ गांवों का संपर्क टूट गया है.
इस बीच, खम्मम शहर में मुन्नरू नदी में आई बाढ़ से आसपास की आवासीय बस्तियां जलमग्न हो गईं. बाढ़ में कई कारें बह गईं. लगभग 100 परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया.
मुन्नरू में जलस्तर 24.7 फीट तक पहुंच गया. अधिकारियों ने तीसरी बार बाढ़ की चेतावनी जारी की है. ऊपरी नदी से भारी जलप्रवाह के कारण जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बाढ़ के पानी ने खम्मम-बोनाकल मार्ग को भी जलमग्न कर दिया है, जिससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया है.
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वीकेयू/एएस