श्रीनगर, 6 मई . पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है. दोनों देशों के बीच तनाव है और युद्ध की स्थिति बन रही है. इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कहा है कि युद्ध किसी भी मुद्दे का हल नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने चरणजीत सिंह चन्नी के बयान को भी गैर जरूरी बताया. इल्तिजा के मुताबिक ये सियासत करने का वक्त नहीं है.
न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले, भारत-पाक के बीच युद्ध, वक्फ कानून सहित अन्य मुद्दों पर खास बातचीत की.
सवाल: पहलगाम हमले पर आपका क्या रुख है?
जवाब: जो भी हुआ, बहुत गलत हुआ और हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. आतंकवादियों ने जो यहां पर किया, मैं इसकी पुरजोर तरीके से विरोध करती हूं. पहलगाम में जो हुआ, हम सभी का दिल टूटा है. जो तस्वीरें, वीडियो हमारे सामने आईं, उनसे बहुत दुख पहुंचा है. इस हमले में हम सभी ने देखा कि हमारे यहां टूरिस्टों को दिन-दहाड़े मारा गया. हिमांशी नरवाल, शान्या दुबे के लिए हम सभी लोगों को बुरा लगा. इस हमले के बाद हमसे लगातार पूछा जाता है कि क्या आपको बुरा लगा. हमें बुरा क्यों नहीं लगेगा? क्या हम इंसान नहीं हैं? एक कश्मीरी, हिन्दुस्तानी, मुस्लिम होने से पहले हम एक इंसान हैं और जो वहां पर टारगेट किलिंग हुई, सच मानिए दिल टूटा है.
सवाल: पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की साजिश, या फिर चूक हुई?
जवाब: बीते छह साल, 2019 में जब से आर्टिकल 370 यहां हटाई गई, जम्मू कश्मीर का जो स्पेशल स्टेटस था, हमसे छीना गया. यहां की पूरी कानून व्यवस्था गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है. इसीलिए, इस वक्त मेरा इस मुद्दे पर कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा. हालांकि, दिल्ली में बैठी सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए. अभी वक्त किसी पर सवाल करने का नहीं है. इस पूरे मामले की पूर्णता जांच होनी चाहिए. यह जांच का विषय है कि इतना बड़ा आतंकी हमला कैसे हुआ. लेकिन, एक बात तो तय है कि कहीं न कहीं चूक हुई. इसीलिए, यह आतंकी हमला हुआ. जांच होनी चाहिए.
सवाल: कश्मीर से पाकिस्तानियों को वापस भेजा जा रहा है, इसे आप कैसे देखती हैं?
जवाब: यहां पर कई लोग वर्षों पहले आए. एक महिला का बेटा तो सीआरपीएफ में था और शहीद हुआ. 2021 में गृहमंत्री अमित शाह भी मिलने के लिए गए थे. इंसानियत के तौर पर आप देखेंगे तो यह गलत है.
सवाल: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव है. क्या दोनों देशों के बीच युद्ध होना चाहिए?
जवाब: युद्ध किसी भी सवाल का जवाब नहीं हो सकता है. क्योंकि, जब भी आप युद्ध के बारे में बात करते हैं तो जम्मू कश्मीर के लोग इससे प्रभावित होते हैं. क्योंकि हम एक बॉर्डर स्टेट हैं. लेकिन कुछ चीजें आपके कंट्रोल में नहीं हैं. पीएम मोदी जब रूस गए थे तो उन्होंने कहा था कि युद्ध का दौर अब खत्म हो चुका है.
सवाल: पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने पहलगाम आतंकी हमले पर पीएम मोदी पर सवाल उठाए, आपका इस पर क्या कहना है?
जवाब: पूर्व सीएम बेतुकी बातें कर रहे हैं. आप खुद ही जानते हैं कि इस आतंकी हमले में कितने लोग मारे गए, कितने लोग शहीद हुए. इस हमले को हुए अभी ज्यादा दिन भी नहीं बीते हैं, हमारे राजनेता अपनी सियासत करने लगे हैं. अभी यह वक्त सियासत करने का नहीं है. किसी भी राजनेता को इस मामले में सोच-समझकर बयान देना चाहिए. पीएम का 56 इंच का सीना है या नहीं, इस तरह के बयान देने का क्या मतलब है?
सवाल: क्या आपको पीएम मोदी पर भरोसा है?
जवाब: मेरे पास इस सवाल का जवाब नहीं है. लेकिन, एक कश्मीरी के तौर पर मैं काफी निराश हूं. हमें जिस प्रकार से शक की नजर से देखा जाता है. पिछले 10 दिनों में दिल्ली में कश्मीरी छात्रों, बिजनेसमैन को तंग किया जा रहा है. पीएम मोदी हमेशा एक चीज कहते हैं कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी. अगर आपको दिल्ली की दूरी कम करनी होगी तो आपके यहां के लोगों से बात करनी ही पड़ेगी. लेकिन, कश्मीर के लोगों से आपने बातचीत करना बंद ही कर दिया है. 2019 में जो हमारे साथ बुरा हुआ, उसके बाद मुसलमान के साथ जो हो रहा है, आपका दिल तो टूटता ही है. पीएम मोदी सिर्फ हिंदू के ही प्रधानमंत्री नहीं, सभी के प्रधानमंत्री हैं. कश्मीर में जो छह साल से चल रहा है, मैं यकीनन काफी निराश हूं.
सवाल: वक्फ कानून को लेकर आप क्या सोचती हैं, अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है?
जवाब: यह एंटी मुस्लिम बिल है. जैसे मुल्क के लोगों को छह साल पहले झूठ बोला गया कि आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में विकास होगा. उनकी तरक्की के लिए किया जा रहा है. वह एक गलत नॉरेटिव था. इसी तरह से वक्फ संशोधन कानून पास कर दिया गया. पास हुए अभी ज्यादा दिन भी नहीं हुए कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है. इस दौरान आप देखिए कि कितने ही मदरसे और दरगाह तोड़े गए हैं. यह वक्फ कानून दिखाता है कि यह मुस्लिमों के खिलाफ है. सरकार को अपना वोट दिखाई देता है. उसमें हम क्या कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि आप शॉर्ट टर्म पॉलिटिक्स प्रैक्टिस कर रहे हैं और आपको शॉर्ट टर्म उसका फायदा होगा.
सवाल: आतंकी हमले के बाद जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला पीएम मोदी से मिले. इसे आप कैसे देखते हैं?
जवाब: मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर में एनसी भाजपा का नेरेटिव यहां चला रही है. एनसी ने विधानसभा में वक्फ के बारे में बात नहीं की. भाजपा ने भी वक्फ को लेकर कुछ नहीं कहा. मैं बस यह कहना चाहती हूं कि यहां की जनता ने आपको क्यों चुना है. इस पर भी आपको सोचना चाहिए.
सवाल: इम्तियाज जो आतंकियों की मदद कर रहा था, उसने नदी में कूदकर जान दे दी, क्या कहेंगी आप?
जवाब: मैं दो चीजें साफ करना चाहती हूं कि जो आतंकी हमले में शामिल था, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए. पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए. लेकिन, हमारी सुरक्षा एजेंसियों से एक शब्द निकलकर सामने आता है. ओवर ग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू). यह एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है. वह सारी चीजें वेरीफाइड नहीं होती हैं. मैं नहीं कहूंगी कि पुलिस में सारे लोग गलत हैं, लेकिन हाल ही में यहां फेक एनकाउंटर हुए हैं. कुपवाड़ा में या फिर 2 साल पहले पुंछ में हुआ, इसके जरिए आपको यह नैरेटिव दिया जाता है. आपको बताया जाता है वह हमेशा सच्चाई नहीं होती. हाल ही में एक जगह पर 10-15 घर गिराए गए, उसमें एक संदिग्ध आतंकी था, जो बाकी लोग थे, वह केवल आम नागरिक थे. इस दौरान महबूबा मुफ्ती ने दिल्ली में बात की. मैं धन्यवाद करना चाहूंगी, फिर घर नहीं तोड़े गए. लेकिन, मैं कहना चाहूंगी कि आप सभी को ओजीडब्ल्यू या फिर मिलिटेंट नहीं कह सकते हैं. आप यहां पर सबको शक की नजर से देखेंगे तो दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी कैसे दूर होगी?
सवाल: महबूबा मुफ्ती पहलगाम गईं, क्या संदेश देना चाहती हैं?
जवाब: महबूबा मुफ्ती के बारे में एक इमेज बनाई गई है कि वह एंटी इंडिया हैं. जबकि ऐसा नहीं है. इस आतंकी हमले से हमें भी काफी दुख पहुंचा है. महबूबा मुफ्ती पहलगाम गईं. वह संदेश देना चाहती हैं कि यहां सब कुछ ठीक है. हम अपने मेहमानों का स्वागत करते थे और आगे भी करते रहेंगे.
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डीकेएम/केआर