भोपाल 26 अप्रैल . मध्य प्रदेश में अवैध खनन बड़ा मुद्दा रहा है. पत्थर से लेकर रेत का खनन चर्चाओं में रहना आम बात है. अब राज्य सरकार इस पर रोक लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेने की तैयारी में है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर अवैध खनन भंडारण एवं परिवहन की रोकथाम के लिए एआई का उपयोग कर खनन निगरानी प्रणाली विकसित की जा रही है. इस प्रणाली के अंतर्गत प्रदेश की समस्त स्वीकृत 7,502 खदानों की जियो टैगिंग कर खदान क्षेत्र का सीमांकन किया जा चुका है. सैटेलाइट इमेज एवं रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजी की सहायता से प्रदेश में हो रहे अवैध उत्खनन एवं भंडारण पर निगरानी रखी जाएगी.
सीएम यादव ने कहा कि यह प्रणाली खदान क्षेत्र के बाहर हो रहे अवैध उत्खनन का पता लगाने में सक्षम होगी. इसके अंतर्गत एक निश्चित समय अंतराल पर उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों का विश्लेषण कर सिस्टम द्वारा राज्य एवं जिला प्रशासन को अलर्ट भेजे जाएंगे. क्षेत्रीय अमले द्वारा मोबाइल ऐप से परीक्षण एवं निरीक्षण कर पोर्टल अथवा मोबाइल ऐप पर रिपोर्ट दर्ज कर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर खदान या उसके बाहर ड्रोन सर्वे कर वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस से वास्तविक उत्खनित मात्रा का पता लगाकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कर अर्थदंड लगाने की परियोजना भी प्रक्रियाधीन है. खनिजों के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए नवीन तकनीक एआई पर आधारित मानव-रहित चेक-गेट पूरे प्रदेश में स्थापित किए जा रहे हैं. प्रदेश में 41 ऐसे स्थल चिह्नित किए गए हैं, जहां से खनिज परिवहन करने वाले वाहनों का सर्वाधिक आगमन होता है.
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल के आस-पास चार स्थानों पर ई-चेकगेट स्थापित किए गए हैं. निगरानी के लिए राज्य स्तर पर भोपाल में कमांड एवं कंट्रोल सेंटर और जिला स्तर पर भोपाल एवं रायसेन में जिला स्तरीय कमांड सेंटर स्थापित किया गया है. ई-चेकगेट में वेरिफोकल कैमरा, आरएफआईडी रीडर और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर की सहायता से खनिज परिवहन में संलग्न वाहनों की जांच के प्रावधान हैं.
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एसएनपी/एकेजे