कोलकाता, 25 दिसंबर . केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में कुछ दूरदराज के द्वीपों की पहचान की है, जिसका उपयोग भारतीय सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में करते है.
सूत्रों ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले के गोसाबा ब्लॉक में सुंदरबन क्षेत्र के 13 सबसे अधिक संवेदनशील द्वीपों की पहचान की गई है, इन द्वीपों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी है. सुंदरबन क्षेत्र दक्षिण 24 परगना जिले में बांग्लादेश की सीमा के पास आता है.
रिपोर्ट के अनुसार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का शिविर इन 13 द्वीपों में से केवल एक पर है, जिसका उपयोग अक्सर मछली पकड़ने के लिए गहरे समुद्र में जाने वाले जिले के मछुआरों द्वारा अस्थायी आश्रय के रूप में किया जाता है.
सूत्रों ने कहा कि यही कारण है कि ये द्वीप अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए पसंदीदा सुरक्षित आश्रय स्थल बन गए हैं. वे पहले स्थानीय मछुआरों के रूप में भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, फिर इन द्वीपों में कुछ समय के लिए शरण लेते हैं और अंत में अपने नकली भारतीय दस्तावेज प्राप्त करने के बाद पूरे जिले में बड़ी आबादी के साथ घुलमिल जाते हैं. इसके बाद वह घुसपैठिए कोलकाता चले जाते हैं.
बसंती एक्सप्रेसवे के माध्यम से कोलकाता तक उनकी आसान और त्वरित पहुंच भी इन द्वीपों को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए पसंदीदा और सुरक्षित बनाता है.
पहले से ही केंद्र और राज्य दोनों सुरक्षा एजेंसियों ने पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पर निगरानी बढ़ा दी है, जिससे बांग्लादेशी नागरिकों के अवैध रूप से सीमा पार करने की आशंका है. इसमें भूमिगत संगठनों के सदस्य भी शामिल हैं, जो उस देश में चल रहे संकट के बीच फिर से सक्रिय हो गए हैं.
सूत्रों ने कहा कि निगरानी बढ़ाने का निर्णय दो बांग्लादेशी समुद्री जहाजों को आईएमबीएल पार करने और अवैध रूप से भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश करने के बाद लिया गया.
सूत्रों ने कहा कि हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) के कुछ सदस्य अचानक पश्चिम बंगाल के बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय होने की कोशिश कर रहे हैं और वहां स्लीपर सेल स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं.
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एमकेएस/