दिल्ली में आईआईटी कानपुर ने क्लाउड सीडिंग के दो परीक्षण किए : मनजिंदर सिंह सिरसा

New Delhi, 28 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi के मार्गदर्शन और Chief Minister रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली Government ने Tuesday को अपनी मजबूत वायु गुणवत्ता प्रबंधन रणनीति के तहत लगातार दो क्लाउड सीडिंग अभियान पूरे किए.

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए क्लाउड सीडिंग को एक उपकरण के रूप में अपनाकर दिल्ली ने एक अभूतपूर्व, विज्ञान-प्रथम कदम उठाया है. हमारा ध्यान यह आकलन करने पर है कि दिल्ली की वास्तविक आर्द्रता की स्थिति में कितनी वर्षा हो सकती है. हर परीक्षण के साथ विज्ञान सर्दियों के लिए और पूरे वर्ष के लिए हमारे कार्यों का मार्गदर्शन करता है.”

आईआईटी Kanpur की विशेषज्ञ टीम द्वारा प्रबंधित दोनों उड़ानें आईआईटी Kanpur और मेरठ हवाई अड्डों से शुरू हुईं और खेकड़ा, बुराड़ी, उत्तरी करोल बाग, मयूर विहार, सादकपुर, भोजपुर और आसपास के क्षेत्रों को कवर किया. प्रत्येक फ्लेयर का वजन लगभग 2 से 2.5 किलोग्राम था, और प्रत्येक उड़ान में आठ फ्लेयर छोड़े गए, जिससे वर्षा क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए एक परीक्षित मिश्रण का फैलाव हुआ. सीडेड बादलों में आर्द्रता का स्तर 15-20 प्रतिशत के बीच बताया गया, जो आदर्श से कम है, लेकिन वैज्ञानिक रूप से सार्थक परीक्षण के लिए पर्याप्त है.

यह अभियान प्रत्येक उड़ान के लिए लगभग डेढ़ घंटे तक चला, जिससे निरंतर कवरेज सुनिश्चित हुआ. मंत्री सिरसा ने जोर देकर कहा, “विशेषज्ञों के पूर्वानुमानों के अनुसार, बादलों की नमी के आधार पर अगले 24 घंटों में कभी भी बारिश हो सकती है. शुरुआती मौसम रडार रीडिंग और जमीनी अवलोकनों ने शाम 4 बजे के आसपास दिल्ली-नोएडा सीमा पर 0.1-0.2 मिमी हल्की वर्षा दर्ज की, जो सीडेड बादलों से कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया का संकेत है.”

दिल्ली भर के 20 चयनित निगरानी स्थलों से डेटा एकत्र किया गया, जिसमें सबसे प्रत्यक्ष प्रदूषण संकेतक, एक्यूआई, पीएम2.5 और पीएम10 पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया.

मंत्री सिरसा ने बताया, “हमारी वायु गुणवत्ता ट्रैकिंग से प्राप्त प्रत्येक डेटा बिंदु हमें एक स्वच्छ और हरित राजधानी के निर्माण के और करीब लाता है. वैज्ञानिक अब सभी 20 स्थानों से क्लाउड सीडिंग से पहले और बाद के सभी डेटा का बारीकी से अध्ययन करेंगे, और Wednesday को एक व्यापक रिपोर्ट प्रकाशित की जाएगी, जो हमारी शीतकालीन प्रदूषण प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करेगी. परिणामों के आधार पर, हम आने वाले हफ्तों में और क्लाउड सीडिंग के लिए तैयार हैं और पहले दौर के परीक्षणों के बाद परिणाम यह तय करेंगे कि हमें फरवरी तक और क्लाउड सीडिंग प्रयोगों की योजना बनानी चाहिए या नहीं.”

मंत्री ने आगे कहा, “यह शहरी वायु गुणवत्ता नियंत्रण के लिए India के सबसे बड़े वैज्ञानिक कदमों में से एक है, जो दिल्ली की पुरानी प्रदूषण चुनौतियों का डटकर सामना करने के संकल्प को साबित करता है. Chief Minister रेखा गुप्ता के समर्थन और Prime Minister मोदी के मार्गदर्शन के कारण Government का सक्रिय दृष्टिकोण नागरिकों के लिए प्रभावी और पारदर्शी जलवायु कार्रवाई सुनिश्चित करेगा.”

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