हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में नया ‘मास्टर’ प्रोग्राम ऑफर करेगा आईआईटी दिल्ली 

नई दिल्ली,22 अक्टूबर चिकित्सा और इंजीनियरिंग के बीच अंतर को पाटने के उद्देश्य से आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग (सीबीएमई) ने ‘हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी’ में एक विशेष ‘मास्टर ऑफ साइंस’ (अनुसंधान) कार्यक्रम शुरू किया है. यह ‘मास्टर प्रोग्राम’ जनवरी 2025 से शुरू होगा. इसे विशेष रूप से चिकित्सा और संबंधित ​​पेशेवरों के लिए डिज़ाइन किया गया है.

यह प्रोग्राम इंजीनियरिंग विषयों के साथ चिकित्सा के सिद्धांतों को एकीकृत करता है. इसमें प्रवेश के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर, 2024 है. हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी में एमएस (अनुसंधान) प्रोग्राम यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों के साथ व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो.

आईआईटी दिल्ली के मुताबिक प्रतिभागियों को अग्रणी संस्थानों और कॉरपोरेट्स के साथ नैदानिक ​​और औद्योगिक जुड़ाव से लाभ होगा. इससे उन्हें चिकित्सा और तकनीकी दोनों परिदृश्यों की व्यापक समझ मिलेगी. इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताओं में से एक इसका लचीलापन है, जो चिकित्सा पेशेवरों को अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपना नैदानिक ​​अभ्यास जारी रखने की अनुमति देता है. यह सुनिश्चित करता है कि चिकित्सक अपनी सीख को सीधे नैदानिक ​​​​कार्य में लागू कर सकते हैं व नवीन समाधानों के साथ रोगी का उपचार कर सकते हैं. इस कार्यक्रम में नामांकित छात्रों को उच्च-मूल्य वाली फ़ेलोशिप और पारिश्रमिक द्वारा समर्थन देने का निर्णय लिया गया है.

आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर नीतू सिंह का कहना है, “यह कार्यक्रम पारंपरिक स्नातक और लंबी अवधि की मास्टर और डॉक्टरेट डिग्री के बीच के अंतर को भरने के लिए बहुत आवश्यक मध्यवर्ती डिग्री और प्रशिक्षण प्रदान करेगा. यह चिकित्सा और संबद्ध स्नातकों को प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में वैज्ञानिक अनुसंधान के साथ लाएगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से, आईआईटी दिल्ली विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी मानव संसाधन तैयार करने की कल्पना करता है जो न केवल स्टार्ट-अप संस्कृति और औद्योगिक उत्पादन को बढ़ा सकता है बल्कि बायोमेडिकल विज्ञान और इंजीनियरिंग से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक अनुसंधान को भी बढ़ावा देगा.”

इस कार्यक्रम के माध्यम से, छात्र सटीक चिकित्सा, बायोमटेरियल्स, चिकित्सा प्रत्यारोपण, चिकित्सा इमेजिंग, बायोमिमेटिक्स मॉडल और ट्रांसलेशनल मेडिसिन जैसे क्षेत्रों की अत्याधुनिक अनुसंधान परियोजनाओं में शामिल होने की उम्मीद कर सकते हैं. पाठ्यक्रम को महत्वपूर्ण सोच, समस्या-समाधान कौशल और अनुसंधान पद्धतियों की गहरी समझ को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक चूंकि कार्यक्रम उद्यमिता कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगा, इसलिए यहां मेडिकल स्नातक अपनी उद्यमशीलता यात्रा शुरू करने के लिए बौद्धिक रूप से सुसज्जित भी होंगे.

जीसीबी/