छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि जगाने पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंची आईआईटी दिल्ली

नई दिल्ली, 30 जून . आईआईटी दिल्ली ने पूर्वोत्तर भारत के छात्रों तक पहुंचने की महत्वपूर्ण और अनोखी पहल की है. यह पहल विज्ञान और इंजीनियरिंग शिक्षा के प्रति छात्रों में उत्साह पैदा करने के उद्देश्य से की गई है.

इस अभियान में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और आईआईटी दिल्ली साझेदार हैं. दोनों के संयुक्त रूप से चलाए जा रहे ‘आईआईटी-पीएएल (प्रोफेसर असिस्टेड लर्निंग)’ कार्यक्रम का आयोजन पूर्वोत्तर भारत में किया गया. इसके अंतर्गत कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए आईआईटी के प्रोफेसरों और विषय विशेषज्ञों द्वारा तैयार किए गए वीडियो लेक्चर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. ये लेक्चर छात्रों को विषयों की बेहतर समझ देने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं. इसके साथ ही, ऑनलाइन डाउट-क्लियरिंग, समस्या समाधान सत्र और प्रोफेसरों से लाइव इंटरएक्शन की सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं. ये वीडियो व्याख्यान शिक्षा मंत्रालय के स्वयं प्रभा चैनलों पर प्रसारित किए जाते हैं, जो डीडी डीटीएच चैनल 22 पर भी उपलब्ध हैं.

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर रवि पी. सिंह इस अभियान के तहत केमिस्ट्री के नेशनल कोऑर्डिनेटर हैं. उन्होंने मिजोरम के आइजोल सहित कई जिलों के स्कूलों और कॉलेजों का दौरा किया. उन्होंने ममित जिले में स्थित नवोदय विद्यालय, पीएम श्री नवोदय विद्यालय-थिंगसुलथलियाह, पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय-जेमाबॉक और मिजोरम विश्वविद्यालय में हैंड्स-ऑन साइंस वर्कशॉप का आयोजन किया.

इन कार्यक्रमों का उद्देश्य छात्रों को वैज्ञानिक सिद्धांतों की गहरी समझ प्रदान करना है. छात्रों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करना भी इसका उद्देश्य था.

प्रो. रवि पी. सिंह ने बताया कि ये कार्यशालाएं पारंपरिक कक्षा शिक्षा से परे जाकर छात्रों को वैज्ञानिक अवधारणाओं की खोज के लिए प्रेरित करती हैं. आलोचनात्मक सोच के विकास और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित को अपनाने के लिए प्रेरणा देती हैं.

हर दिन इन कार्यक्रमों में तकनीकी और अनौपचारिक सत्रों के साथ रोमांचक वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रदर्शन किया गया. उसके बाद इन प्रयोगों पर चर्चा और उनसे जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांतों की छात्रों को शिक्षा दी गई. इन सत्रों ने छात्रों में गहरी जिज्ञासा दिखाई.

छात्रों से बातचीत करते हुए प्रो. सिंह ने उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिक तथा रचनात्मक सोच और नई दिशा में प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने वैज्ञानिक विधियों को समझने और स्वयं प्रयोग करने पर बल दिया. आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, इन कार्यक्रमों में छात्रों, शिक्षकों और समुदाय से बेहद सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.

जीसीबी/एबीएम/एकेजे