पणजी 2 मार्च . नेशनल एसोसिएशन ऑफ इम्पैक्ट लीडर्स (एनएआईएल) की पहली बैठक 2025 में कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए भारत में ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) नेतृत्व को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस बैठक में संगठनात्मक रणनीतियों को विकसित ग्लोबल फ्रेम वर्क के साथ जोड़ने की जरूरत समझी गई.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें प्रख्यात ईएसजी प्रोफेशनल, नीति निर्माता और विचारक शामिल थे.
इस कार्यक्रम में इंफोसिस लिमिटेड की उपाध्यक्ष अरुणा सी. न्यूटन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मजबूत शासन ढांचे हरित प्रौद्योगिकी को अपनाने में तेजी ला सकते हैं, ताकि कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा मिल सके.
प्रोफेसर गरिमा दाधीच द्वारा संचालित एक पैनल चर्चा में नियामक परिवर्तनों के दूरगामी निहितार्थों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें सेबी के नए मानदंड और कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग डायरेक्टिव (सीएसआरडी) शामिल है. इसमें कॉर्पोरेट क्षेत्र के लिए चुनौतियों और अवसरों दोनों पर प्रकाश डाला गया.
संवाद को आगे बढ़ाते हुए सेबी के ऋण और हाइब्रिड सिक्योरिटीज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उभरते ईएसजी रेटिंग लैंडस्केप में गहराई से काम करने की पेशकश की.
जानकारियों को आगे बढ़ाते हुए, बाजार नियामक के कॉर्पोरेट वित्त विभाग के आधिकारिक प्रतिनिधि ने बीआरएसआर कोर के लिए निर्धारित औद्योगिक बेंचमार्क और ईएसजी अनुपालन को बढ़ाने के लिए प्रयासरत व्यवसायों पर उनके ठोस प्रभाव का एक आधिकारिक ओवरव्यू पेश किया.
टेक्नोलॉजी की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए, केपीएमजी इंडिया के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने ईएसजी डेटा एनालिटिक्स, रिपोर्टिंग और निर्णय लेने में एआई के रोल पर एक प्रजेंटेशन दी.
कार्यक्रम के दौरान,आईआईसीए ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के सपोर्ट से आयोजित अपने प्रमुख ईएसजी वार्षिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण की भी घोषणा की, जो 2-3 जुलाई को आयोजित होने वाला है. इस कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन मार्च में शुरू होंगे.
–
/