आईएफएफआई सीखने का अहम मंच, फिल्ममेकर को इसका बनना चाहिए हिस्सा: विजय देओस्कर

Mumbai , 21 नवंबर . 56वें अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में शामिल हुए निर्देशक तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने से बातचीत के दौरान फिल्म मेकिंग और महोत्सव के महत्व पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने कहा कि आईएफएफआई एक ऐसा मंच है जो फिल्ममेकर्स के प्रयासों को मान्यता देता है और उन्हें वैश्विक सिनेमा समुदाय में पेश करने का अवसर प्रदान करता है.

उनका मानना है कि फिल्म मेकर्स को इस प्लेटफॉर्म का हिस्सा बनना चाहिए ताकि वे अपनी फिल्मों को प्रदर्शित कर सकें और इंडस्ट्री में अपनी विश्वसनीयता को बढ़ा सकें.

उन्होंने कहा, ”महोत्सव में भाग लेना सिर्फ फिल्म दिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नेटवर्किंग, सीखने और फिल्म बनाने के नए दृष्टिकोण समझने का भी महत्वपूर्ण अवसर है.”

तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने खास तौर से अपनी फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ का जिक्र भी किया. इस फिल्म में Actor इमरान हाशमी ने बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे का किरदार निभाया था.

निर्देशक ने कहा कि इमरान का यह रोल उनके पहले किए गए किरदारों से काफी अलग था और दर्शकों ने इसे काफी पसंद किया. उन्होंने कहा कि फिल्म में दिखाए गए मिशन ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव डाला. इसमें गाजी बाबा जैसे आतंकवादी को मार गिराने की कहानी है. फिल्म की रिलीज से ठीक तीन दिन पहले पहलगाम अटैक हुआ था. पूरे देश में उस समय शोक और गुस्सा था, इसलिए फिल्म की कमाई उनके लिए प्राथमिकता नहीं थी.

उन्होंने कहा, ”इस संवेदनशील परिस्थिति में भी जहां फिल्म पहुंची, वहां से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली, और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर तो फिल्म को उम्मीद से कहीं अधिक सराहना मिली.”

तेजस प्रभा विजय देओस्कर ने आईएफएफआई की महत्ता पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, ”यह महोत्सव केवल फिल्मों की स्क्रीनिंग का आयोजन नहीं है, बल्कि यह फिल्ममेकर्स के लिए सीखने, अपने विचार साझा करने और अपने काम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का एक शानदार अवसर है. हर फिल्ममेकर को इस महोत्सव का हिस्सा बनना चाहिए और अपनी फिल्म को प्रदर्शित कराने के लिए पूरी मेहनत करनी चाहिए.”

पीके/डीएससी