नई दिल्ली, 29 मई . भारतीय सहकारिता क्षेत्र की अग्रणी संस्था, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक और कीर्तिमान स्थापित करते हुए 3,811 करोड़ रुपए का कर पूर्व लाभ अर्जित किया है.
यह लगातार तीसरा वर्ष है जब इफको ने 3,000 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ दर्ज किया है. इस वर्ष नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें इफको नैनो डीएपी की बिक्री में 118 प्रतिशत अभूतपूर्व वृद्धि हुई.
इफको ने इस वर्ष कुल 365.09 लाख बोतल नैनो उर्वरकों की बिक्री की, जो पिछले वर्ष के 248.95 लाख बोतलों की तुलना में बड़ी वृद्धि दर्शाती है. नैनो यूरिया प्लस और नैनो डीएपी के उपयोग से न केवल किसानों को लाभ हुआ है, बल्कि इससे परंपरागत उर्वरकों की खपत में भी उल्लेखनीय कमी आई है.
संस्था के अध्यक्ष दिलीप संघानी ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ का सपना इफको के प्रदर्शन के माध्यम से साकार हो रहा है. इफको ने 23 वर्षों से लगातार 20 प्रतिशत लाभांश देकर अपने सदस्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित किया है.
इफको जल्द ही नैनो जिंक, नैनो कॉपर और ग्रेन्युलर नैनो एनपीके जैसे अत्याधुनिक उत्पादों को लॉन्च करेगा, जिससे कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि के साथ-साथ पोषण संतुलन भी सुनिश्चित होगा. यह पहल कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों जैसे ड्रोन, एआई और नैनो प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला को पूरी तरह से परिवर्तित कर रही है.
इफको ने देशभर में 203 मॉडल नैनो गांव परियोजनाएं शुरू की हैं, जिससे रासायनिक उर्वरकों की खपत में 28.73 प्रतिशत की कमी और फसल उत्पादकता में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इफको अब इस परियोजना को कार्बन क्रेडिट प्रमाणन से जोड़ने की दिशा में भी कार्य कर रहा है.
संस्था के प्रबंध निदेशक डॉ. यू.एस. अवस्थी को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर ‘रोचडेल पायनियर अवॉर्ड 2024’ तथा ‘भारत के उर्वरक पुरुष’ जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया है, जो इफको के योगदान को वैश्विक मान्यता प्रदान करता है.
इफको की उपलब्धियां भारत के सहकारी आंदोलन को नई दिशा प्रदान करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि देश का कृषक वर्ग आत्मनिर्भर और उन्नत भविष्य की ओर अग्रसर हो.
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पीएके/एकेजे