
सीएम अशोक गहलोत ने बजट में निगम, बोर्ड व स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम की घोषणा की थी. अब इन संस्थाओं से जुड़े पेंशनर्स को ओपीएस में शामिल होने के लिए सेवानिवृत्ति के समय निकाले गए कंट्रीब्यूटरी पेंशन फंड का पैसा ब्याज समेत जमा कराना होगा.
यानी कोई कर्मचारी 10 साल पहले रिटायर हो गया, उसने सीपीएफ का पैसा तब निकाल लिया था और अब वह ओपीएस में रजिस्टर होना चाहता है तो उसे दस साल पहले निकाली गई राशि के साथ तब से अब तक का ब्याज सरकार को जमा कराना होगा. इसके बाद ही उसकी पेंशन शुरू हो पाएगी. यह पेंशन 1 अप्रैल 2023 से शुरू होगी.
अवसर 30 जून तक
आदेश में कहा है- जिन कर्मचारियों ने सेवा अवधि में सीपीएफ का ऑप्शन दिया, उनमें सभी पेंशनर्स को 30 जून तक यह अवसर दिया गया है कि वह ओपीएस में शामिल होना चाहते हैं या सीपीएफ का हिस्सा बने रहना. इस अवधि में पुनर्विकल्प पेश नहीं करने पर समझा जाएगा कि वे सीपीएफ का ही हिस्सा बने रहना चाहते हैं.
ब्याज : आदेश के अनुसार सीपीएफ की निकाली राशि पेंशनर्स को एकमुश्त जमा करानी होगी. इस राशि के साथ ब्याज भी देना होगा, जो न्यूनतम 12% प्रतिवर्ष से कम नहीं होगा. तब ही 1 अप्रैल से ओपीएस का लाभ दिया जाएगा.