नई दिल्ली, 14 नवंबर . मोटापा, मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को अक्सर मल्टी ग्रेंस खाने की सलाह दी जाती है. डॉक्टर लोगों को मल्टी ग्रेंस खाने के लिए कहते हैं. मल्टी ग्रेंस शरीर के बढ़े हुए शुगर को पूरी तरह गलाकर शरीर से बाहर निकाल देते हैं. मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, जेई का चोकर और बार्ली जैसे अनाजों को मिलाकर खाने से आपको कुछ ही दिनों में इसके फायदे दिखने लगेंगे.
हरदोई के शतायु आयुर्वेद एवं पंचकर्म केंद्र चलाने वाले डॉ. अमित कुमार मल्टी ग्रेंस के फायदे बताते हुए कहते हैं, “मोटे अनाजों में ज्वार, बाजरा, रागी, जेई का चोकर और बार्ली शामिल हैं. इन अनाजों को अपनी डाइट में शामिल करने से आपको तुरंत असर दिखता है. मोटे अनाजों की बाहरी परत को चोकर कहा जाता है. चोकर में अधिक फाइबर होता है, जो आसानी से पचता नहीं है. इसके अलावा, मोटे अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि इनके सेवन से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता नहीं है और यह वजन को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है.
मल्टीग्रेन आटा रागी, ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, जई, मक्का, गेहूं जैसे कई अनाजों से मिलकर बनता है. इसमें इन सभी अनाजों से मिलने वाले पोषक तत्व होते हैं, जो एक संतुलित आहार के लिए बेहतरीन विकल्प हैं. मल्टीग्रेन आटे में गेहूं के आटे के मुकाबले अधिक पोषण होता है, क्योंकि यह प्रोटीन, फाइबर और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो शरीर को सम्पूर्ण पोषण प्रदान करते हैं.”
डॉ. कुमार ने बताया, “अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि मल्टीग्रेन आटा पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होता है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और इसमें मौजूद फाइबर अच्छे आंत बैक्टीरिया को पोषित करता है, जो पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और मेटाबॉलिज्म को सुधारता है. वजन घटाने में भी मल्टीग्रेन आटा कारगर साबित हुआ है. इसमें मुख्य रूप से रागी, ज्वार और बाजरा जैसे ग्लूटेन-फ्री अनाज होते हैं, जो वजन घटाने में मदद करते हैं और भूख को दबाते हैं. बाजरा में सूजन-रोधी गुण होते हैं, और इसलिए बाजरे से बना मल्टीग्रेन आटा उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है, जिन्हें जोड़ों में दर्द या अधिक गर्मी के कारण सूजन की समस्या होती है.”
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पीएसएम/एकेजे