लखनऊ, 19 मार्च . गर्मियों के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जलापूर्ति बाधित न हो. इसके लिए राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन ने तैयारी तेज कर दी है. बुधवार को नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के मुख्यालय में गर्मी में बेहतर जलापूर्ति के लिए किए जा रहे विभागीय कार्यों की समीक्षा की.
इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने फील्ड में तैनात इंजीनियरों और काम कर रही एजेंसियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी हाल में गर्मियों के दौरान पाइप्ड जलापूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए. अगर कहीं से जलापूर्ति प्रभावित होने या टैंकर से पानी सप्लाई की शिकायत मिलती है, तो दोषी इंजीनियरों और एजेंसियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में गर्मियों के दौरान पानी की दिक्कत होती है. यही वजह है कि नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग से जुड़े सभी इंजीनियरों और एजेंसियों को पहले से ही इस समस्या से निपटने की प्लानिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. जिससे भीषण गर्मी में ग्रामीण जलापूर्ति बाधित न हो.
नमामि गंगे विभाग के एडीएम और इंजीनियरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कहीं भी जलापूर्ति रुकती है, तो इंजीनियरों और एजेंसियों की प्रगति भी रुक जाएगी. साथ ही चीफ इंजीनियरों पर भी दंडात्मक कार्रवाई होगी.
इस दौरान अपर मुख्य सचिव ने सभी इंजीनियरों और एजेंसियों से गर्मियों के दौरान वाटर सप्लाई का पूरा ब्यौरा भी मांगा. साथ ही अधिकारियों से गांवों का दौरा कर जलापूर्ति की हकीकत जानने के भी निर्देश दिए.
अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बैठक में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अधिशासी निदेशक को सुस्त रफ्तार से काम कर रही एजेंसियों का भुगतान रोकने के निर्देश दिए. साथ ही मॉनिटरिंग में कोताही बरतने वाले अधिशासी अभियंताओं की सूची तैयार कर, उसे शासन को भेजने को कहा.
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