यूपीआई न होता तो कोविड की लड़ाई हम कैसे लड़ते : पीएम मोदी (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 27 मई . लोकसभा चुनाव के आखिरी और सातवें चरण के लिए एक जून को मतदान होना है. वहीं, चुनाव की व्यस्तता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने ‘डिजिटल इंडिया’ को लेकर अपनी खुलकर राय रखी.

उन्होंने कहा कि आज अगर यूपीआई न होता तो कोविड की लड़ाई हम कैसे लड़ते? दुनिया के समृद्ध देश भी अपने लोगों को पैसे होने के बावजूद भी नहीं दे पाए. फिनटेक में भारत अब लीड कर रहा है.

पीएम मोदी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि इन्होंने हमारे देश में जो डिजिटल इंडिया मूवमेंट मैंने शुरू किया तो शुरू में आरोप क्या लगाएं? इन्होंने लगाई कि ये जो सर्विस प्रोवाइडर हैं, उनकी भलाई के लिए हो रहा है. इनको समझ नहीं आया कि यह क्षेत्र कितना बड़ा है और 21वीं सदी एक टेक्नोलॉजी ड्रिवन सेंचुरी है. टेक्नोलॉजी आईटी ड्रिवन है. आईटी इन फोर्स बाय एआई. बहुत बड़े प्रभावी क्षेत्र बदलते जा रहे हैं. हमें फ्यूचरिस्टिक चीजों को देखना चाहिए. आज अगर यूपीआई न होता तो कोई मुझे बताए कोविड की लड़ाई हम कैसे लड़ते? दुनिया के समृद्ध देश भी अपने लोगों को पैसे होने के बावजूद भी नहीं दे पाए. हम आराम से पैसे दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि आज हम 11 करोड़ किसानों को 30 सेकेंड के अंदर पैसा भेज सकते हैं. अब यूपीआई इतनी यूजर फ्रेंडली है क्योंकि यह टैलेंट हमारे देश के नौजवानों में है. वो ऐसे प्रोडक्ट बना करके देते हैं कि कोई भी कॉमन मैन इसका उपयोग कर सकता है. यूपीआई ने एक प्रकार से फिनटेक की दुनिया में बहुत बड़ा रोल प्ले किया है और इसके कारण इन दिनों भारत के साथ जुड़े हुए कई देश यूपीआई से जुड़ने को तैयार हैं, क्योंकि अब फिनटेक का युग है. फिनटेक में भारत अब लीड कर रहा है और इसलिए दुर्भाग्य तो इस बात का है कि जब मैं इस विषय की चर्चा कर रहा था तब देश के बड़े-बड़े विद्वान जो पार्लियामेंट में बैठे हैं, वह इसका मखौल उड़ाते थे, मजाक उड़ाते थे, उनको भारत के पोटेंशियल का अंदाजा नहीं था और टेक्नोलॉजी के सामर्थ्य का भी अंदाजा नहीं था.

एसके/एबीएम