नई दिल्ली, 2 सितंबर . सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को बुलडोजर मामले को लेकर हुई सुनवाई पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अगर अवैध निर्माण है, तो निश्चित ही उस पर कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि किसी भी आरोप या अपराध में वांछित होने पर किसी का मकान-दुकान या किसी प्रकार का निर्माण नहीं गिराया जाता है. लेकिन, अगर किसी का अवैध निर्माण है, तो निश्चित ही उस पर कार्रवाई होगी. उत्तर प्रदेश या अन्य राज्यों में बुलडोजर कार्रवाई कानून के दायरे में की गई है. जहां कहीं भी अवैध निर्माण है, अतिक्रमण किया गया है, वो चाहे सरकारी जमीन पर हो या किसी अन्य जमीन पर, उसको कानून द्वारा ही गिराया गया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि अनधिकृत निर्माण को भी “कानून के अनुसार” ध्वस्त किया जाना चाहिए और राज्य के अधिकारी सजा के तौर पर आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त नहीं कर सकते.
पीठ ने टिप्पणी की कि न केवल आरोपी का, बल्कि दोषी के घर का भी ऐसा हश्र नहीं हो सकता. शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि उसका इरादा अनधिकृत संरचनाओं को संरक्षण नहीं देने का है. पीठ में न्यायमूर्ति केवी. विश्वनाथन भी शामिल हैं.
मामले को दो सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए उच्चतम न्यायालय ने पक्षकारों से दिशानिर्देश तैयार करने के लिए अपने सुझाव रिकॉर्ड पर रखने को कहा.
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए केंद्र के दूसरे सबसे बड़े विधि अधिकारी सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि किसी अचल संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ध्वस्त किया जाना चाहिए क्योंकि उसके मालिक/कब्जाधारी पर किसी अपराध में शामिल होने का आरोप है.
एसजी मेहता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में राज्य प्राधिकारियों ने उल्लंघनकर्ताओं द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देने के बाद नगरपालिका कानून के अनुसार कार्रवाई की.
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एससीएच/एबीएम