हमीरपुर में डिपो संचालकों का ऐलान, 30 अप्रैल तक वादे पूरे न हुए तो राशन वितरण ठप करेंगे

हमीरपुर, 14 अप्रैल . प्रदेश डिपो संचालक समिति का वार्षिक राज्य स्तरीय अधिवेशन सोमवार को हमीरपुर के टाउन हॉल में आयोजित हुआ. इस अधिवेशन में प्रदेशभर से पहुंचे सैकड़ों डिपो संचालकों ने राज्य सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि यदि 30 अप्रैल तक उनके साथ किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया, तो वे गोदामों से सस्ता राशन उठाना बंद कर देंगे.

इससे राशन वितरण प्रणाली ठप हो सकती है, जिसके लिए डिपो संचालकों ने सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है. अधिवेशन से पहले समिति के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपनी मांगों का एक और ज्ञापन सौंपा, जिसमें तत्काल कार्रवाई की मांग की गई.

अधिवेशन में समिति के अध्यक्ष अशोक कवि ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव से पहले डिपो संचालकों को मासिक वेतन देने, वन टाइम लाइसेंस प्रदान करने और नई 4जी पॉस मशीनें उपलब्ध कराने जैसे बड़े-बड़े वादे किए थे. लेकिन, दो साल बीत जाने के बाद भी वादे कागजों तक सीमित हैं.

कवि ने आगे कहा, “डिपो संचालक केवल आश्वासनों से तंग आ चुके हैं. हम ठोस कार्रवाई चाहते हैं. अगर सरकार हमारी मांगों को अनसुना करती रही, तो 30 अप्रैल के बाद राशन वितरण पूरी तरह बंद होगा और इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.”

उन्होंने यह भी बताया कि डिपो संचालकों को पुरानी पॉस मशीनों के कारण तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे राशन वितरण में बाधा आ रही है.

कार्यक्रम में मौजूद डिपो संचालकों ने अपनी समस्याओं को खुलकर रखा. कई संचालकों ने बताया कि उन्हें उचित पारिश्रमिक नहीं मिल रहा, जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. कुछ ने लाइसेंस नवीनीकरण की जटिल प्रक्रिया पर नाराजगी जताई, तो कुछ ने गोदामों से राशन आपूर्ति में अनियमितता का मुद्दा उठाया.

मंच पर मौजूद अन्य वक्ताओं ने भी सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की और कहा कि डिपो संचालक सस्ता राशन वितरण प्रणाली की रीढ़ हैं, जिनकी अनदेखी से आम जनता को भारी परेशानी होगी.

अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने डिपो संचालकों की मांगों को जायज ठहराया. उन्होंने कहा, “डिपो संचालक हमारे सस्ता राशन वितरण तंत्र का आधार हैं. उनकी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मैं उनकी मांगों को गंभीरता से मुख्यमंत्री तक पहुंचाऊंगा और जल्द समाधान का भरोसा देता हूं.”

अधिवेशन के अंत में समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि यदि 30 अप्रैल तक मांगें पूरी नहीं हुईं, तो प्रदेशभर में राशन वितरण अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा.

एकेएस/एबीएम