पाकिस्तान नहीं संभला तो कांच की तरह टूट कर बिखर जाएगा : संदीप दीक्षित

नई दिल्ली, 9 मई . पाकिस्तान की ओर से भारत पर हो रहे हमले पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास मौका है कि वह संभल जाए नहीं तो वह कांच के गिलास की तरह टूट कर बिखर जाएगा.

शुक्रवार को समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि पाकिस्तान इतने प्रहार सहने के बाद भी जिद्दी बना हुआ है, लेकिन मुझे लगता है कि यह उनका आखिरी प्रयास है. पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देने के लिए लापरवाह कदम उठाया. पहलगाम में इसकी शुरुआत हुई. इसकी जवाबी कार्रवाई भारत की ओर से दी गई. लेकिन उसके बाद भी पाकिस्तान को लगा कि वे अपने लोगों को दिखाने के लिए कुछ बातें कर सकते हैं. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि हम उनकी हर कोशिश को बार-बार विफल कर देंगे.

पाकिस्तान पर भारत की जवाबी कार्रवाई पर संदीप दीक्षित ने कहा कि एक बात मैं कहूंगा कि पाकिस्तान हमें बार-बार उकसाता है, लेकिन यह सराहनीय है कि हमारी प्रतिक्रिया हमेशा संतुलित और नियंत्रित होती है. हम केवल उनकी बातों का जवाब देते हैं, जैसा कि वे कहते हैं, ‘नहले पे दहला’. लेकिन सच्चाई यह है कि हम उन्हें ‘दहले पे दहला’ दे रहे हैं, क्योंकि अगर हम अपनी सैन्य ताकत, अपनी आर्थिक ताकत, अपने राष्ट्र के निर्माण और अपनी एकता पर विचार करें, तो हम उनसे हजारों गुना अधिक शक्तिशाली हैं. लेकिन हम इसे हजारों गुना नहीं बढ़ा रहे हैं, हम केवल आनुपातिक रूप से जवाब दे रहे हैं.

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के पाकिस्तानी सेना पर हमला करने पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों ने सिर्फ अपने बारे में सोचा. आवाम के बारे में ध्यान नहीं दिया. खास तौर पर बलूचिस्तान पर ध्यान नहीं दिया गया. आपने 70 वर्षों में अपने लोगों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाकर रख दिया. उनमें मानवता की भावना तो जागेगी. भारत को ललकारने की कोशिश करेंगे तो भारत आप पर जवाबी कार्रवाई कर रहा है, भारत की कार्रवाई देख दूसरे भी आप पर कार्रवाई करेंगे.

इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की ओर से पाकिस्तान को लोन देने पर विचार करने के मामले में संदीप दीक्षित ने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से उम्मीद करता हूं कि जो पाकिस्तान बेवकूफी कर रहा है, उसे रुकवाए. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड क्या करेगा, जब पाकिस्तान ऐसे ही बर्बाद हो जाएगा. उसे यह भी देखना चाहिए कि ऐसा देश जिसके पास पैसे लौटाने का वजूद नहीं होगा तो वह उसे लोन क्यों दे. पाकिस्तान दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बहुत पीछे छूट गया है.

डीकेएम/एएस