बिहार में हमारी सरकार बनी तो लोगों का मुफ्त इलाज: अशोक गहलोत

पटना, 30 जून . राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राजस्थान में एक हेल्थ मॉडल बनाया गया था, जिसकी तुलना देश में कहीं नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा कि बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही राजस्थान की कांग्रेस सरकार के तर्ज पर ‘चिरंजीवी योजना’ लागू की जाएगी. इसके तहत सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों में 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सभी आयु वर्गों के लोगों का किया जाएगा.

अशोक गहलोत ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून बनाया गया, जिसके तहत हर आपातकालीन परिस्थिति में पूरा इलाज निःशुल्क करने का प्रावधान किया गया. कांग्रेस की सरकार ने आम व्यक्तियों के आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर को न्यूनतम कर दिया और इंश्योरेंस कवरेज को सुलभ करके सभी के लिए इंश्योरेंस लागू करने पर विचार किया. चिरंजीवी बीमा योजना के तहत 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा और पांच लाख रुपए का दुर्घटना बीमा शामिल था. इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने के पहले के पांच दिन और छुट्टी होने से 15 दिन तक की दवा फ्री दी जाती थी.

बिहार की स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली पर बोलते हुए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा, “यहां न अस्पताल हैं, न उचित डॉक्टर हैं और न ही दवाई है. यहां चिकित्सा स्टाफ की भारी कमी है. कुल 59,168 स्वीकृत पदों में केवल 23,851 पदों पर नियुक्ति है, यानी 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं. आयुष डॉक्टर के 89 प्रतिशत पद और पैरा मेडिकल स्टाफ के 79 प्रतिशत पद रिक्त हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की 86 प्रतिशत तक कमी है. 5081 पदों के मुकाबले मात्र 1580 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं.”

बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कहा कि बिहार को वर्तमान सरकार ने बीमारू राज्य बना दिया है. बिहार की आम जनता स्वास्थ्य सेवाओं के सबसे बदहाल दौर से गुजर रही है. बिहार में ‘ट्रबल इंजन’ की सरकार ने स्वास्थ्य व्यवस्था को आईसीयू में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह बिहार को दिल्ली से चला रहे हैं. बिहार में गुंडाराज आ गया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिहार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर राज्य की वर्तमान सरकार उदासीन बनी हुई है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इमरजेंसी मरीजों तक को बेड और उचित स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती.

एमएनपी/डीएससी