नई दिल्ली, 16 मई . गर्मियों और बरसात के मौसम में मच्छरों का आतंक हर घर, हर गली में देखने को मिलता है. इस दौरान कई खतरनाक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है. इनमें से एक है डेंगू. यह एक जानलेवा वायरल संक्रमण है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है. तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते और कमजोरी इसके मुख्य लक्षण हैं. समय पर इलाज न हो तो यह प्लेटलेट्स की संख्या घटाकर स्थिति को गंभीर बना सकता है. हर साल 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके.
इस कड़ी में केंद्र और राज्य सरकारें भी कड़े कदम उठा रही हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक्स पोस्ट में डेंगू से बचने के लिए स्वच्छता के नियमों का पालन करने की अपील की.
यूपी सीएम ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा- “डेंगू एक गंभीर बीमारी है किंतु स्वच्छता के नियमों का पालन कर इससे बचा जा सकता है. आइए, इस ‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ पर हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि स्वच्छ परिवेश व सतर्क जीवनशैली अपनाकर एक जागरूक समाज का निर्माण करेंगे तथा डेंगू जैसी बीमारी को मात देंगे.”
‘राष्ट्रीय डेंगू दिवस’ का दिन हमें सतर्क रहने की याद दिलाता है, क्योंकि रोकथाम इलाज से बेहतर है. क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, हर साल लगभग 400 मिलियन लोग डेंगू से ग्रसित होते हैं. हालांकि ज्यादातर मामलों में लक्षण नहीं नजर आते. इसलिए जरूरी है कि समय रहते सही उपचार अपना लिया जाए. घर के आसपास पानी जमा न होने देना, पूरी बाजू के कपड़े पहनना और मच्छरदानी का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है. डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है, जैसे- कूलर, फूलदान, टंकी, या कोई भी खुला बर्तन जिसमें पानी जमा हो.
डेंगू का मच्छर काले रंग का होता है और उसके शरीर पर सफेद धारियां होती हैं. मच्छर के काटने के चार से सात दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसमें कभी-कभी प्लेटलेट्स की संख्या बहुत कम हो जाती है, जिससे खून बहने की समस्या हो सकती है. यह स्थिति गंभीर हो सकती है और समय पर इलाज न मिले तो जानलेवा भी बन सकती है.
अगर किसी को डेंगू हो जाए, तो उसे ज्यादा से ज्यादा पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, जूस, सूप और तरल चीजें देते रहना चाहिए. डॉक्टर की सलाह से पैरासिटामॉल दिया जा सकता है, जिससे बुखार और दर्द में राहत मिलती है. मच्छरदानी का इस्तेमाल जरूर करें. कुछ घरेलू उपाय जैसे पपीते के पत्ते का रस या गिलोय का काढ़ा लोग लेते हैं, हालांकि ये पूरी तरह कारगर है इसके प्रमाण नहीं मिले हैं. इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
डेंगू से पीड़ित मरीज बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें और तला-भुना खाने से परहेज करें.
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पीके/केआर