महाराष्ट्र में यदि नेता ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता का क्या होगा : मुमताज पटेल

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर . एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने महाराष्ट्र सरकार की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

उन्होंने से बात करते हुए कहा, “महाराष्ट्र में मौजूदा सरकार के तहत अगर बाबा सिद्दीकी जैसे प्रमुख नेताओं को वाई प्लस सुरक्षा दी गई थी, तो यह चिंताजनक है. उन्हें 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकियां मिली थी. उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. यह स्थिति कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है.”

उन्होंने आगे कहा, “यदि नेताओं की इतनी सुरक्षा के बावजूद वे सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा? जो गैंग इस वारदात की जिम्मेदारी ले रहे हैं, वे खुलेआम व्यापारियों को धमका रहे हैं और दहशत फैला रहे हैं. ये अपराधी जेल में बैठकर भी अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं, जैसा कि गुजरात की जेल से हो रहा है. ऐसे में सरकार पर सवाल उठना लाजिमी है, क्योंकि अंततः जिम्मेदारी उसी पर आती है.”

बता दें कि बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल आरोपियों में से एक को पुलिस रिमांड में भेजे जाने के बाद मुंबई पुलिस ने रविवार प्रेस वार्ता की. पुलिस ने बताया कि आरोपी को रिमांड में भेजे जाने के बाद अब उनसे इस मामले के संबंध में विस्तृत और विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ होगी.

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से दो पिस्तौल बरामद हुए हैं. आरोपी अपने साथ वारदात को अंजाम देने के लिए पेपर स्प्रे भी लेकर आए थे. हर एंगल से इस मामले की जांच की जा रही है. निर्मल नगर थाने के पास बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग की गई. इस संबंध में केस दर्ज कर लिया गया है. क्राइम ब्रांच को इसकी जांच सौंपी गई है. इस घटना में संलिप्त दो आरोपियों को वारदात के कुछ ही देर बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.

पुलिस ने आगे कहा, “आरोपी के पास से दो पिस्तौल और 28 जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं. लॉरेंस बिश्नोई एंगल से भी मामले की जांच की जा रही है. इस घटना में लॉरेंस बिश्नोई की भूमिका की जांच की जा रही है, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके. बाबा सिद्दीकी जब अपने बेटे के ऑफिस से बाहर निकले, तभी उन पर फायरिंग की गई. इस घटना को तीन लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था, जिसमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाबा सिद्दीकी को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी.”

पीएसएम/जीकेटी